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मध्य प्रदेश

स्कूल शिक्षा मंत्री बोले – रैंकिंग में पिछड़े जिले बेहतर कार्ययोजना के साथ करे कार्य

भोपाल

प्रदेश के स्कूल शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार ने बुधवार को सिंगल क्लिक से शिक्षा का अधिकार (आरटीई) के तहत 394 करोड़ रु पये निजी स्कूलों के खातों में अंतरित किए। इस दौरान उन्होंने राज्य शिक्षा केंद्र के अंतर्गत प्रारंभिक शिक्षा में समस्त 52 जिलों का सत्र-2022-23 का रिपोर्ट कार्ड और उनकी रैंकिंग जारी कर शैक्षिक ओलिंपियाड की जिलास्तरीय प्रतियोगिता का परिणाम घोषित किया। पूरे शैक्षणकि सत्र 2022-23 में संपादित गतिविधियों और उपलिब्धयों के आधार पर टॉप 10 में आए जिलों को बधाई दी और इस रैंकिंग में पिछड़े जिलों कोे बेहतर कार्ययोजना के साथ कार्य करने को कहा।

प्राथमिक व माध्यमिक शिक्षा में ये रहे टॉप 10 जिले
राज्य शिक्षा केंद्र अंतर्गत कक्षा एक से आठ तक की शिक्षा में शैक्षणकि सत्र 2022-23 में जारी रैंकिंग में छिंदवाड़ा जिला प्रथम स्थान पर रहा। बालाघाट, सिवनी, छतरपुर, शाजापुर, दमोह, नरिसंहपुर, नीमच, डिंडौरी एवं सीहोर जिले क्र मश: प्रदेश में टॉप 10 में सबसे ऊपर रहे। वहीं रतलाम, उज्जैन, विदिशा, सागर, मुरैना, सीधी, बुरहानपुर, रीवा, सिंगरौली एवं राजगढ़ जिले सबसे नीचे के 10 जिलों में रहे।

18440 स्कूलों को भेजी राशि
स्कूल शिक्षा मंत्री ने प्रदेश के 18 हजार 440 अशासकीय विद्यालयों में अध्ययनरत करीब आठ लाख 50 हजार विद्यार्थियों की 394 करोड़ 41 लाख रु पये की प्रतिपूर्ति राशि अंतरित की है। इसी के साथ मप्र सिंगल क्लिक के माध्यम से आरटीई फीस की प्रतिपूर्ति राशि जारी करने वाला देश का पहला राज्य बन गया है।

यह पिछड़े जिले: रतलाम, उज्जैन, विदिशा, सागर, मुरैना, सीधी, बुरहानपुर, रीवा, सिंगरौली एवं राजगढ़ जिले सबसे नीचे के 10 जिलों में रहे।

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