मध्य प्रदेश

लंबे समय से अटकी SPS अफसरों की सुपर सीनियर ग्रेड की मांग हो सकती है पूरी

भोपाल

विधानसभा चुनाव से पहले राज्य पुलिस सेवा (एसपीएस) के अफसरों की लंबे समय से अटकी पड़ी मांग पूरी हो सकती है। चुनाव से पहले सरकार जहां हर वर्ग को खुश करने का प्रयास कर रही है। उसी प्रयास में अब एसपीएस अफसरों की लंबे समय से अटकी मांग को पूरा किया जा सकता है।

राज्य पुलिस सेवा के सीधी भर्ती के कई अफसर 56 साल पूरे कर चुके हैं, जिसके चलते उन्हें अब आईपीएस अवार्ड नहीं हो सकता है। इसलिए एसपीएस के अफसरों ने यह मांग उठाई थी कि उनके सबसे सीनियर अफसरों को पांचवा पे ग्रेड तय किया जाए। जिसमें राज्य पुलिस सेवा के कुल संख्या के दो प्रतिशत अफसरों को यह ग्रेड दी जाए। इस मांग को लेकर राज्य पुलिस सेवा संगठन डीजीपी, एसीएस होम से लेकर मुख्यमंत्री तक से मिल चुका है। राज्य प्रशासनिक सेवा और राज्य वित्त सेवा में यह व्यवस्था वर्ष 2018 से लागू हो चुकी है। उन अफसरों को सुपर सीनियर गे्रड का पे स्केल दिया जा रहा है। जबकि राज्य पुलिस सेवा में अब तक चार ही पे स्केल पर वेतन दिया जा रहा है।  

अभी यह है पे स्केल
राज्य पुलिस सेवा के अफसरों के चार पे स्केल हैं। कनिष्ठ श्रेणी के लिए 5400 का पे स्केल है। यह स्वीकृत पदों के 55 प्रतिशत अफसरों को दिया जाता है। जबकि वरिष्ठ श्रेणी में 6400 का पे स्केल हैं। जो 25 प्रतिशत अफसरों को दिया जाता है। प्रवर श्रेणी का पे स्केल 7600 हैं, जो 15 प्रतिशत अफसरों को दिया जाता है और वरिष्ठ प्रवर श्रेणी के 5 प्रतिशत अफसरों को 8700 का पे स्केल दिया जाता है। ये चार पे स्केल अभी दिये जाते है। अब यदि चुनाव से पहले इसे मंजूरी मिली तो सुपर सीनियर ग्रेड का पे स्केल 8900 होगा और यह दो प्रतिशत अफसरों को दिया जाएगा। प्रदेश में अभी करीब 1200 डीएसपी कॉडर के अफसर है। इनमें से एक हजार एक डीएसपी हैं जबकि 268 अफसर के लगभग अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक रेंक के हैं।

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