भारत की चंद्रयात्रा का शुभारंभ आज, चंद्रमा की सतह पर इस दिन लैंड होगा रोवर
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सारिका ने बताया कि जब चंद्रयान 3 प्रक्षेपित किया जाएगा तब चंद्रमा की पृथ्वी से दूरी तीन लाख 94 हजार किमी से कुछ अधिक होगी। वहीं, जब यह चंद्रमा पर लैंड करेगा तब चंद्रमा पृथ्वी से लगभग तीन लाख 82 हजार 840 किमी होगा। आज (14 जुलाई) को दोपहर 2:35 बजे पर भारत की चंद्रयात्रा आरंभ होने जा रही है, जो 23 या 24 अगस्त श्रावण शुक्ल की 7वीं तिथि को चंद्रमा पर कदम रखने जा रही है। यह दिन एवं समय भी किसी मुहूर्त निकालने के समान है। इस बारे में नेशनल अवार्ड प्राप्त विज्ञान प्रसारक सारिका घारू ने मॉडल की मदद से जानकारी दी।
सारिका ने बताया कि इस विज्ञान यात्रा का मुहूर्त इस आधार पर तय किया गया है कि चंद्रमा के लैंडिंग वाले स्थान पर सूर्योदय कब होगा। लैंडर की चांद की सतह पर लैंडिंग के लिये जरूरी है कि वहां सूरज निकला हो। वह सूर्य ऊर्जा से काम करता है। चंद्रमा पर लगभग पृथ्वी के लगभग 14 दिन तक सूरज निकलता है। लैंडर और रोवर चंद्रमा के एक दिन जो कि पृथ्वी के लगभग 14 दिन के बराबर हैं, तक संचालित करने के लिए डिजाइन किया गया है।
सारिका ने बताया कि जब यह प्रक्षेपित किया जाएगा तब चंद्रमा की पृथ्वी से दूरी तीन लाख 94 हजार किमी से कुछ अधिक होगी। वहीं, जब यह चंद्रमा पर लैंड करेगा तब चंद्रमा पृथ्वी से लगभग तीन लाख 82 हजार 840 किमी होगा। इस मिशन के सबसे प्रमुख उद्देश्य चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के पास ऊंचे इलाके पर सॉफ्टलैंडिंग करना इसके अलावा रोवर को चंद्रमा की सतह पर चलते हुए वैज्ञानिक प्रयोगों को करने की भारत की क्षमता को प्रदर्शित करना है।
सारिका ने बताया कि लैंडर एवं रोवर में लगे वैज्ञानिक उपकरण स्थानीय सतह की मौलिक संरचना का अध्ययन, गैस और प्लाज्मा पर्यावरण का अध्ययन एवं सतह के तापीय गुणों एवं लैंडिंग स्थल के आसपास भूकंपीयता का मापन करेंगे।