आपातकाल स्थिति नियंत्रण में रखने जिला प्रशासन के साथ नहीं है व्यापारी ..!

व्यापारियों ने ढूंढा विरोध का नायाब तरीका !
राजनंदगांव// वैश्विक महामारी कोरोना वायरस का दंश झेलता भारत में मरीजों की संख्या लाखों में हो गई है आज देश के 35 राज्य व केंद्र शासित प्रदेशों की स्थिति गंभीर बनी हई है। जिसे नियंत्रण करने प्रदेश सरकार भी पूरी तरह हर स्तर पर लगी हुई है, उसके मद्देनजर ही सरकार ने जिला दंडा अधिकारियों को सप्ताह भर का अपने अपने जिलों में लॉक डाउन करने का निर्णय लिया, जिस के तारतम्य में जिला कलेक्टर ने लॉक डाउन का आदेश जारी किया। जिले में बढ़ते पॉजिटिव केसो की संख्या का मूल्यांकन करें तो प्रदेश में दूसरे नंबर पर गिना जाने लगा है। राजनंदगांव नगर निगम सीमा क्षेत्र की स्थिति को देखते हुए जिलाधीश ने लॉक डाउन करना जनता के लिए एक बेहतर विकल्प के रूप में माना और उन्होंने अपने आदेश क्रमांक 4738 दिनांक 20/07/2020 को जारी कर नगर निगम सीमा क्षेत्र को 23 जुलाई की मध्य रात्रि से 29 जुलाई की मध्य रात्रि तक लॉक डाउन कर दिया।

वहीं दूसरी ओर राजनांदगांव के व्यापारियों ने तेरापंथी भवन में आपातकालीन मीटिंग आहूत कर जिलाधीश द्वारा जारी किए गए लॉकडाउन आदेश के विरोध में अपने व्यवसाय का हवाला देते हुए खड़े हो गए और बाद में जिलाधीश से मिलकर शहर को बंद न करने संबंधी अनुरोध किया। वैश्विक महामारी कोरोना की स्थिति को बताते हुए जिलाधीश ने भी व्यापारियों से इस लॉक डाउन में सहयोग करने की अपील की, बावजूद इसके व्यापारी संगठनों ने एक अजीबोगरीब विरोध करके प्रशासन के सामने लॉक डाउन का विरोध करते है और दूसरी तरफ प्रशासन का सहयोग करने की बात करते हुए समस्त व्यापारियों की तरफ से शहर की दुकानों में पोस्टर चस्पा करते चले गए। इसकी चर्चा शहर में जोरों पर है, आखिर इतने बड़े संकट की घड़ी में व्यापारी क्यों इस lock-down का विरोध कर रहे हैं। क्या छोटे-छोटे व्यवसाय करने वाले लोगों के सामने संकट नहीं है, क्या छोटे छोटे व्यवसाय के सामने भरण पोषण जैसी गंभीर समस्या नहीं है। ऐसी परिस्थितियों के बावजूद प्रशासन के लॉक डाउन का संपन्न व्यापारियों द्वारा विरोध करना जनता और बुद्धिजीवी के गले तो बिल्कुल भी नहीं उतर रहा। लोग दबी जुबान से यह कहते दिखे किसको राजनीतिक पार्टी का सरक्षण मिला हुआ है, ताकि व्यापारियों के कंधे पर बंदूक रखकर छत्तीसगढ़ सरकार को सबक सिखाया जा सके। जिला प्रशासन के सामने सबसे बड़ी चुनौती शहर में लगे पोस्टरों को उखाड़ना है, और आपदा महामारी के कानून का उल्लंघन करने वाले लोगों के खिलाफ जिला प्रशासन आखिर क्या कार्रवाई करता है यह भी गंभीर प्रश्न जनता प्रशासन से जवाब ढूंढ रहा है।
प्रशासन द्वारा आदेश जारी के मरीजों की संख्या प्रदेश में पॉजिटिव मरीज की संख्या बढ़ने पर छत्तीसगढ़ सरकार ने पूरे प्रदेश में कलेक्टरों को यह अधिकार दे दिया कि अपने जिले की स्थिति को देखते हुए 7 दिन का संपूर्ण लाक डाउन किया जाए। इसी आदेश के चलते राजनंदगांव जिला दंडाधिकारी टी के वर्मा ने राजनांदगांव नगर निगम की सीमा क्षेत्र को 23 जुलाई की मध्य रात्रि से 29 जुलाई तक संपूर्ण लॉकडाउन की घोषणा की है।
केवल और केवल आवश्यक वस्तुओं को छोड़कर सभी प्रकार के व्यवसाय बंद रहेंगे। इसी आदेश को व्यापारी वर्ग विरोध कर रहा है।
राजनांदगांव//वैश्विक महामारी कोरोना संक्रमण को रोकने लगाए गए लॉकडाउन के पहले पुख्ता व्यवस्था देखी जा रही है। पुलिस एवं निगम के दस्ते सारे शहर में व्यवस्था के निरीक्षण के लिए लग गए हैं। जगह-जगह पर चेकिंग प्वाइंट लगाए जा रहे हैं, बेवजह घूम रहे लोगों पर गाइडलाइन के मुताबिक कड़ी कार्रवाई की जाएगी। आज शाम 4:00 बजे पुलिस प्रशासन ने फ्लैगमार्च करते हुए लोगों को कोरोना संक्रमण से बचाव के संबंध में जानकारी दी और लोगों से आग्रह किया गया कि अपने घर में ही रहें और कोरोना से सुरक्षित रहें। कोरोना वारियर्स को भी अपना काम पूरी सावधानी से करने की हिदायत दी गई। फ्लैगमार्च नगरीय निकाय के लगभग सभी मुख्य इलाकों में गया।
आपको बता दें कि प्रशासन द्वारा इस बार के 7 दिनों के टोटल लॉकडाउन के दौरान केवल अति आवश्यक सामग्रियों की दुकानों को ही संचालन की अनुमति दी गई है वहीं यह दुकानें भी केवल सुबह 6:00 से 10:00 के बीच केवल 4 घंटे तक ही संचालित की जा सकेगी संचालित की जाने वाली दुकानों में मेडिकल स्वास्थ्य सेवाएं ,पेट्रोल पंप ,सब्जी दुकान ,मोबाइल दुकान, एटीएम पोस्टल सेवाएं ,होटल रेस्टोरेंट से होम डिलीवरी, गैस एजेंसीया, पशु चारा ,खाद्य, दूध बांटने वालों को अनुमति दी गई है।
आज पुलिस द्वारा निकाले गए फ्लैगमार्च के संबंध में सीएसपी मणिशंकर चंद्रा ने नगर वासियों, व्यापारियों से सहयोग करने की अपील की और कहा कि कोविड-19 नियमों का पालन करें। जिसके तहत भौतिक दूरियों का पालन के साथ-साथ मास्क का उपयोग अनिवार्य रूप से करें, घर से ना निकले की अपील की है।