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अब समाचार पत्रों में सट्टा का विज्ञापन चलाने वालों पर होगी कड़ी कार्रवाई:सरकार ने जारी की नई एडवाइजरी, कहा- मीडिया ऐसे विज्ञापन न दिखाए

रायपुर।  पुलिस ने समाचार पत्रों में सट्टा के विज्ञापन पर प्रतिबंध लगाया है। साथ ही एडवाइजरी भी जारी की है। रायपुर पुलिस के मुताबिक अगर सट्टा से संबंधित किसी भी तरह का कोई विज्ञापन समाचार पत्रों में प्रकाशित किया जाता है तो उनके खिलाफ धारा 10 व 11 को दृष्टिगत रखते हुए ऐसे लोगों के खिलाफ सजा का प्रावधान किया गया है। दोषी पाए जाने पर तीन वर्ष की सजा और 50 हजार का जुर्माना लगाया जाएगा।

“पीआरबी अधिनियम,1867 की धारा 7 के तहत, विज्ञापन सहित कानूनी तौर पर सभी सामग्रियों के लिए संपादक ज़िम्मेदार होंगे. सिर्फ़ पैसा कमाना प्रेस का एकमात्र उद्देश्य नहीं हो सकता है और न ही होना चाहिए, ये बहुत बड़ी सार्वजनिक जिम्मेदारी के बराबर है.”

केंद्र सरकार ने 2022 में दो बार जारी हुई थी एडवाइजरी
केंद्र सरकार ने अक्टूबर 2022 में न्यूज वेबसाइट्स, OTT प्लेटफॉर्म और प्राइवेट सैटेलाइट चैनलों को बेटिंग वेबसाइट्स या ऐप के विज्ञापन प्लेटफॉर्म पर न चलाने का निर्देश दिया था। वहीं, जून 2022 में केंद्र ने बच्चों को निशाना बनाने वाले भ्रामक विज्ञापनों को नियंत्रित करने के लिए भी गाइडलाइन जारी की थी।

विज्ञापन करने वाले फिल्म एक्टर्स की भी जवाबदेही तय करने की बात कही थी। सरोगेट विज्ञापनों पर भी पाबंदी लगा दी गई थी। बिना सत्यता साबित किए विज्ञापन करना बैन कर दिया गया। इसका मकसद भ्रामक विज्ञापनों पर रोक लगाना है।

बेटिंग प्लेटफॉर्म ने बना ली न्यूज वेबसाइट्स
मिनिस्ट्री ने अक्टूबर 2022 में कहा था कि कई न्यूज वेबसाइट तो बेटिंग प्लेटफॉर्म मालिकों द्वारा ही ऑपरेट की जा रही हैं। इन न्यूज वेबसाइट्स के लोगो कुछ हद तक बेटिंग प्लेटफॉर्म की तरह ही दिखते हैं। बेटिंग प्लेटफॉर्म इन न्यूज वेबसाइट को प्रोडक्ट के रूप में इस्तेमाल कर अपना प्रचार कर रहे हैं।चेकिंग करने पर पता चला कि इस तरह की बेटिंग और न्यूज वेबसाइट किसी भी लीगल अथॉरिटी में रजिस्टर्ड नहीं है। इससे साफ है कि बेटिंग प्लेटफॉर्म न्यूज वेबसाइट की आड़ में अवैध प्रचार कर रहे हैं।

इससे पहले सूचना-प्रसारण मंत्रालय ने निजी टेलीविजन चैनल, डिजिटल समाचार प्रकाशकों और ओटीटी मंचों को ऐसे विज्ञापनों को प्रकाशित और प्रसारित करने से बचने का परामर्श जारी किया था। जुए और सट्टेबाजी मंचों के विज्ञापन मीडिया के एक वर्ग- प्रिंट, डिजिटल और टेलीविजन में दिखाई देने के बाद सरकार को यह परामर्श जारी करना पड़ा था, लेकिन मंंत्रालय के पास कई राज्यों में सट्टेबाजी को लेकर होर्डिंग और बैनर लगाए जाने के मामले सामने आए हैं।  

भारत में सट्टेबाजी अवैध
सट्टेबाजी और जुआ भारत में अवैध हैं। कंज्यूमर प्रोटेक्शन एक्ट 2019 के तहत अगर कोई भ्रामक विज्ञापन दिखाता है तो उसे अपराध माना जाएगा। सट्टेबाजी के विज्ञापन भी भ्रामक होते हैं। इसी वजह से सट्टेबाजी और जुआ के विज्ञापन किसी भी प्लेटफॉर्म पर नहीं दिखाए जा सकते।

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