राजनांदगांव. जिले में आधी अधूरी तैयारियों और अव्यवस्था के बीच ग्रीष्मकालीन अवकाश के बाद आज से स्कूल खुल गए. जिले के पहले अंग्रेजी माध्यम शासकीय प्राथमिक स्कूल की छत टपक रही है तो वहीं स्वामी आत्मानंद इंग्लिश मीडियम स्कूल परिसर में पानी भरा हुआ है. बच्चे पानी को पार कर स्कूल पहुंचे.
शिक्षा व्यवस्था को बेहतर बनाने के उद्देश्य से राज्य शासन ने राजनांदगांव जिले को भी इंग्लिश मीडियम स्कूलों की सौगात दी है, लेकिन स्कूलों में व्यवस्था को लेकर स्थानीय प्रशासन की लापरवाही सामने आई है. राजनांदगांव शहर के पहले गंजपारा शासकीय प्राथमिक अंग्रेजी माध्यम स्कूल में बीते दिनों मुख्यमंत्री जतन योजना के अंतर्गत मरम्मत कार्य कराया गया था. इसके बावजूद इस स्कूल की छत से पानी टपक रहा है, जिससे बच्चों की शिक्षण व्यवस्था में अड़चन आ रही है.
जर्जर हो चुका है स्कूल भवन: हेड मास्टर
ग्रीष्मकालीन अवकाश के बाद आज से स्कूल तो खुल गए हैं, लेकिन बारिश यहां समस्या बनी हुई है. इस स्कूल की हेड मास्टर राबिया शादाब का कहना है कि स्कूल परिसर में पानी निकासी की व्यापक व्यवस्था नहीं होने के चलते यहां पानी भरा हुआ है. वहीं परिसर में स्थित स्कूल भवन का एक हिस्सा काफी जर्जर हो चुका है, जिसे डिस्मेंटल करने की जरूरत है.
ग्राउंड में मिट्टी डालने का लोगों ने किया था विरोध
प्रदेश की भूपेश बघेल सरकार ने राजनांदगांव शहर में आत्मानंद स्कूल की सौगात दी है और शहर के म्युनिसिपल स्कूल को आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम स्कूल के रूप में संचालित किया जा रहा है. इसी स्कूल ग्राउंड परिसर में बीते दिनों प्रशासन ने प्राकृतिक घास लगाने के उद्देश्य से डीएमएफ मद से उद्यानिकी विभाग द्वारा लगभग 31 लाख 96 हजार रुपए की लागत से कार्य किया जा रहा है. इसके लिए ग्राउंड में मिट्टी डाल दी गई है, जिसका विरोध भी स्थानीय लोगों ने किया, लेकिन इसके बाद भी इस कार्य को नहीं रोका गया.
बच्चों के खेलने के लिए भी जगह नहीं
अब इस ग्राउंड में बारिश का पानी निकासी की व्यवस्था नहीं हो पा रही है, जिससे आत्मानंद स्कूल के बच्चों को स्कूल के भीतर प्रवेश करने में तालाब नुमा हो चुके मैदान को पार करने की मजबूरी हो गई है. वहीं अब इस ग्राउंड में खेलने के लिए भी जगह नहीं है. चारों तरफ कीचड़ ही नजर आ रहा है. आज पहले दिन ही स्वामी आत्मानंद स्कूल के बच्चे यहां भरे बारिश के पानी को बमुश्किल पाकर कक्षा तक पहुंचे. इस ओर स्थानीय प्रशासन का ध्यान नहीं होने के चलते बच्चों और अभिभावकों को स्कूल तक पहुंचने में परेशानी हो रही है. शासन की आत्मानंद स्कूल की महत्वकांक्षी योजना अव्यवस्था की भेंट चढ़ती नजर आ रही है.