झारखंड। वैश्विक महामारी कोरोना की मार एक परिवार पर ऐसी पड़ी कि एक-एक करके पूरा परिवार ही काल के गाल में समा गया. झारखंड के कोयलानगरी धनबाद में सिर्फ एक गलती की वजह से भरा-पूरा परिवार उजड़ गया और मां सहित पांच बेटों की कोरोना ने जान ले ली.
धनबाद के कतरास में रहने वाले चौधरी परिवार के लिए कोरोना काल बन गया और परिवार के 6 लोगों की जिंदगी छीन ली. झारखंड के रिम्स में भर्ती परिवार के पांचवें बेटे ने भी आज कोरोना संक्रमण की वजह से दम तोड़ दिया. बता दें कि इस परिवार में कोरोना से सबसे पहली मौत 4 जुलाई को 90 वर्षीय वृद्ध महिला की हुई थी जो इन बेटों की मां थी.
कतरास के चौधरी परिवार की सबसे बुजुर्ग महिला कोरोना वायरस से जुड़ी गाइडलाइंस को नजरंदाज करते हुए 27 जून को पोते की शादी समारोह में शामिल होने दिल्ली गई थीं. दिल्ली से लौटने के बाद जब 90 साल की बूढ़ी महिला की तबीयत बिगड़ी तो अस्पताल में पता चला महिला कोरोना संक्रमित हैं. इलाज के बाद भी महिला को नहीं बचाया जा सका और 4 जुलाई को उनकी मौत हो गई.
इस परिवार से सबसे बड़ी गलती ये हुई कि कोरोना से मौत के बादICMR के दिशा-निर्देशों की जगह सामान्य तरीके से अंतिम संस्कार किया गया जिससे दूसरों में भी संक्रमण फैल गया. महिला के बेटे भी इस वायरस की चपेट में आ गए.
जब पूरे परिवार की जांच की गई तो मृतक महिला के दो बेटे कोरोना संक्रमित पाए गए और इलाज के दौरान उनकी भी मौत हो गई. इसके बाद संक्रमण की वजह से महिला के दो और बेटे बीमार पड़ गए. कोरोना का डर और डिप्रेशन में जाने की वजह से उन्होंने भी दम तोड़ दिया था.
परिवार के एक बेटे की मौत धनबाद के सरकारी अस्पताल में हुई जबकि दूसरे की कोविड स्पेशल अस्पताल और तीसरे बेटे की मौत रांची के रिम्स अस्पताल में हुई. चौथे बेटे की जांच रिपोर्ट निगेटिव आई थी लेकिन उसे सांस लेने में दिक्कत हो रही थी. इसके बाद उसे जमशेदपुर के टाटा मेमोरियल अस्पताल में भर्ती कराया गया था जहां उसकी भी मौत हो गई.
सिर्फ 17 दिनों के अंदर इस परिवार में कोरोना वायरस से 6 लोगों की मौत हो चुकी है. महिला का पांचवां बेटा बीते दिनों कोरोना संक्रमित पाया गया था जिसके बाद उसे बेहतर इलाज के लिए राजधानी रांची के रिम्स अस्पताल में भर्ती कराया गया था जहां उसने भी आखिरकार दम तोड़ दिया. महिला का छठा बेटा अभी दिल्ली में है.
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