advertisement
Uncategorized

बिलासपुर : बिहान से जुड़कर स्वावलंबी हई समूह की दीदियां

पापड़, अगरबत्ती, मसाला निर्माण, बोरी सिलाई से कर रहीं लाखों की कमाई बिलासपुर, 22 जून 2023पापड़, अगरबत्ती, मसाला निर्माण, बोरी सिलाई से कर रहीं लाखों की कमाईपापड़, अगरबत्ती, मसाला निर्माण, बोरी सिलाई से कर रहीं लाखों की कमाईपापड़, अगरबत्ती, मसाला निर्माण, बोरी सिलाई से कर रहीं लाखों की कमाईछत्तीसगढ़ राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन ‘‘बिहान’’ योजना के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में निवासरत महिला एवं युवतियों को एक स्वयं सहायता समूह के रूप में गठित और उन्हें प्रेरित कर स्वरोजगार के लिए जोड़ा गया है। ये दीदियां आर्थिक गतिविधियों से जुड़कर स्वावंलबन की राह पर चल पड़ी है। विभिन्न गतिविधियों जैसे – पापड़ निर्माण, बोरी सिलाई, मसाला निर्माण आदि कार्य कर अब अच्छी खासी कमाई भी कर रही है।        जिले के बिल्हा ब्लॉक के चकरभाठा की राधाकृष्ण महिला स्व सहायता समूह की दीदियां बिहान से जुड़कर विभिन्न आजीविका गतिविधियों में कार्य कर रही है। जिससे उनके जीवन स्तर में सुधार आया है। इनके द्वारा पापड़ निर्माण, वर्मी कम्पोस्ट हेतु बोरी सिलाई, मशरूम उत्पादन, हल्दी, मसाला निर्माण का कार्य किया जा रहा है। इसके साथ ही समूह के द्वारा वर्तमान में 9 हॉस्टल में अपनी सामग्रियों का विक्रय भी किया जा रहा है। जिससे समूह को 5 लाख रूपये से ज्यादा की आमदनी हो चुकी है। समूह की इन दीदियों को हल्दी मसाला के कार्य से 1 लाख 80 हजार रूपये की आय, बोरी सिलाई कार्य से 60 हजार रूपये की आय, पापड़ निर्माण कार्य से 1 लाख 20 हजार रूपये की आमदनी हो चुकी है। बिल्हा विकासखण्ड की ग्राम धमनी की सौगात महिला समूह की दीदियां भी बिहान योजना से जुड़कर साउण्ड सिस्टम, ई रिक्शा और अगरबत्ती बनाने जैसे विभिन्न कार्य कर रही है। इन कार्यों से दीदियों ने 2 लाख 55 हजार रूपये से ज्यादा की कमाई कर ली है। 70 हजार रूपये का ऋण लेकर साउण्ड सिस्टम का कार्य शुरू किया गया, जिससे उन्हें अब तक 2 लाख 20 हजार रूपये की आमदनी हो गई है। अगरबत्ती विक्रय से अब तक उन्हें 5 हजार रूपये का आय हो गया है। सीआईएफ फण्ड से 1 लाख 25 हजार रूपये का ऋण लेकर ई रिक्शा चलाने का कार्य भी कर रही है। ई रिक्शा से 30 हजार रूपये का आय अर्जित कर लिया है। विपरीत परिस्थितियों से लड़ते हुए ये दीदियां अपने पूरे परिवार का न केवल पालन-पोषण करने में सक्षम हुई हैं बल्कि अपने जीवन स्तर को भी बेहतर किया है और आज आत्मसम्मान के साथ जीवन-यापन कर रही हैं।

advertisement

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button