मध्य प्रदेश

4 प्रमोटी IAS अफसरों की काल्पनिक ज्वाइनिंग मिलने से बदल गई सीनियरिटी

भोपाल

केंद्रीय कार्मिक और प्रशिक्षण मंत्रालय द्वारा 1997 में पीएससी से सिलेक्ट होकर डिप्टी कलेक्टर बनने वाले दो प्रमोटी आईएएस अफसरों की 2 से पांच साल पुरानी प्रोफार्मा नियुक्ति को वैध माना है। इस प्रोफार्मा (काल्पनिक) नियुक्ति को वैध मानने के बाद डिपार्टमेंट आॅफ पर्सनल, पब्लिक ग्रीविएंस एंड पेंशन मंत्रालय ने इन अफसरों की सीनियरिटी का निर्धारण नए सिरे से किया है जिसके बाद चार प्रमोटी आईएएस अफसरों को एक साल पुरानी सीनियरिटी मिल गई है। इसके आदेश भी जारी कर दिए गए हैं।

बताया गया कि प्रमोटी आईएएस अधिकारी नियाज खान और नीतू माथुर ने अपनी सीनियरिटी को लेकर कोर्ट में केस दायर किया था जिसके बाद कोर्ट ने जिस साल परीक्षा हुई थी, उसके दो साल बाद उनकी काल्पनिक ज्वाइनिंग को मान्य किया है। इसके बाद खान और माथुर के साथ प्रमोटी आईएएस अंजू पवन भदौरिया और जमुना भिड़े को भी एक साल की सीनियरिटी का लाभ मिल गया है। 2020 में आईएएस अवार्ड होने के बाद नियाज खान को 19 साल की सेवा पूरी करने पर 2015 बैच आवंटित किया गया था जिन्हें अब 2014 का बैच अलाट किया गया है जबकि ज्वाइन करने के बाद 16 साल की सेवा पर आईएएस बनने वाली नीतू माथुर को भी कोर्ट ने उसी कैटेगरी में शामिल किया है।

यह था मामला
मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग की परीक्षा के बाद नियाज खान 1997 में सिविल सर्विस वेटिंग लिस्ट में थे और उन्होंने नवम्बर 2001 में ज्वाइन किया था। इसी तरह नीतू माथुर भी 1997 में डिप्टी कलेक्टर के लिए सिलेक्ट हुई थीं लेकिन जाति प्रमाण पत्र के चलते सितम्बर 2003 में हाईकोर्ट के आदेश के बाद वे ड्यूटी में आईं। माथुर ने मई 2004 में ज्वाइन किया था। इसलिए 2006 में कनफर्म हुईं। आईएएस पद पर प्रमोट होने के बाद इनके द्वारा सेवा नियमों के आधार पर कोर्ट में अपील की गई जिसके बाद कोर्ट ने इनकी ज्वाइनिंग 2001 से मान्य की। इस पर डीओपीटी ने मुहर लगाते हुए उन्हें सेवा नियमों का लाभ दिया है।

अब ऐसी होगी सीनियरिटी लिस्ट
डीओपीटी द्वारा सेवा नियमों के आधार पर जिन अफसरों की सीनियरिटी तय की गई है उसके अनुसार 1998 में पीएससी से सिलेक्ट जिन अफसरों को 2014 बैच के अफसरों में शामिल किया गया है उसमें रानी बाटड़, चंद्रशेखर शुक्ला, दिलीप कापसे, बुद्धेश वैद्य के नाम शामिल हैं। 2014 का बैच पाने वालों में 1994 बैच के पीएससी पास आउट विनय निगम और 1996 में पीएससी में सिलेक्ट डॉ वरदमूर्ति मिश्रा (अब वीआरएस ले चुके) भी शामिल हैं। वर्ष 1999 में पीएससी से पासआउट जिन अफसरों को 2014 बैच के आईएएस अफसरी मिली है उसमें डॉ अभय बेडेकर, सुधीर कुमार कोचर, अजय देव, नियाज अहमद खान, नीतू माथुर, अंजू पवन भदौरिया, जमुना भिड़े शामिल हैं। इसके अलावा 2000 में पीएससी से सिलेक्ट रानी सहाय, संजय कुमार जैन, शीला दाहिमा, बिदिशा मुखर्जी को 2015 बैच का आईएएस अफसर माना गया है।

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