advertisement
छत्तीसगढ़धमतरी जिला

धमतरी : छिपली गौठान की कहानी, समूह के महिलाओं की जुबानी

धमतरी, 30 मई 2023छिपली गौठान की कहानी, समूह के महिलाओं की जुबानीछिपली गौठान की कहानी, समूह के महिलाओं की जुबानीमहिलाएं आज हर क्षेत्र में पुरूषों से कंधा से कंधा मिलाकर चल रहीं हैं। चाहे वह शहरों के बड़े-बड़े कंपनी या कार्यालय हों अथवा गांवों के लघु उद्योग, कुटीर उद्योग हो। हर जगह महिलाएं अपनी काबिलियत साबित कर रहीं हैं। इन्हीं में से एक क्षेत्र है गोधन न्याय योजना के तहत संचालित गौठानों में गोबर खरीदी, खाद निर्माण सहित विभिन्न गतिविधियों का संचालन। प्रदेश सरकार की महत्वपूर्ण इस गोधन न्याय योजना को गौठान समिति के साथ ही स्व सहायता समूह की महिलाएं बखूबी निभा रहीं हैं।छिपली गौठान की कहानी, समूह के महिलाओं की जुबानी                धमतरी जिले के वनांचल नगरी स्थित छिपली में 14 एकड़ क्षेत्र में फैला जय बरदेव बाबा गौठान दिन-ब-दिन सफलताओं की सीढ़ियां चढ़ता जा रहा है। यहां गौठान समिति के सदस्य सहित 945 गौंवशीय पशु हैं। इसके साथ ही गौठान में चार महिला स्व सहायता समूह भी सक्रिय हैं। इनमें स्वावलम्बी स्व सहायता समूह द्वारा जहां बकरी, गाय, मुर्गी, वर्मी, बाड़ी, मछलीपालन किया जाता है। वहीं मिनीमाता स्व सहायता समूह द्वारा गौठान के ढाई एकड़ क्षेत्र में चारागाह निर्मित किया गया है, जहॉं नेपियर घांस उगाकर पशुपालकों को बेचा जाता है। इसी तरह जल शीतला मां और नवजागृति महिला स्व सहायता समूह सूकर पालन सहित अन्य गतिविधियां की जा रहीं हैं। यहां कार्य कर रहे महिलाओं की कार्यकुशलता की चर्चा सुनकर दूर-दूर से लोग गौठान को देखने आ रहे और अन्य लोगों को भी इनसे प्रेरणा लेने की सीख दे रहे।छिपली गौठान की कहानी, समूह के महिलाओं की जुबानी                  स्वावलम्बी स्व सहायता समूह की अध्यक्ष श्रीमती दुर्गेश नंदनी कहतीं हैं कि ढाई साल पहले बने उनके समूह द्वारा इस गौठान में काफी गतिविधियां की जा रहीं हैं, जिससे समूह की महिलाओं की आय में इजाफा हो रहा है। वे कहतीं हैं कि यहां की बकरियों को दूध काफी मात्रा में होता है, जो गांव ही नहीं बल्बि आसपास के गांवों में भी बिक्री किया जाता है। साथ ही अशील और लेयर नस्ल की मुर्गियों की मांग भी बाजार में काफी है। इसके अलावा जिमी कांदा, हल्दी के साथ ही इंटर क्रॉपिंग अरहर, धनिया सहित भिण्डी, ग्वारफली, बैगन, कद्दू इत्यादि का उत्पादन कर बेचा जा रहा है। सब्जी बिक्री से समूह को 98 हजार रूपये की आय हुई, वहीं गोबर से निर्मित दिया, मूर्ति और अन्य आकर्षक वस्तुओं की बिक्री से 50 हजार रूपये की आय हो गई है।छिपली गौठान की कहानी, समूह के महिलाओं की जुबानी                 मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की गोधन न्याय योजना से इस हद तक गौठानों में गतिविधियां हो सकतीं हैं, शायद सपने में भी नहीं सोच सकते। वहीं समूह की महिलाओं की मेहनत, समर्पण और निरंतर प्रयास भी गौठानों की तरक्की में चार-चांद लगा रहे हैं। ज्ञात हो कि छिपली गौठान में कुल तीन लाख 82 हजार 73 किलोग्राम गोबर की खरीदी हो चुका है, जिसमें से 97 हजार 195 किलोग्राम वर्मी कम्पोस्ट तैयार किया गया।

advertisement

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button