उत्तर बस्तर कांकेर : सरोना गौठान में गौमाता स्व-सहायता समूह की महिलाऐं सब्जी उत्पादन से हो रही आत्मनिर्भर
नरहरपुर विकासखण्ड अंतर्गत ग्राम सरोना गौठान में राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन ‘‘बिहान’’ के तहत आजीविका गतिविधि प्रारंभ किया गया है। विकासखण्ड मुख्यालय से लगभग 26 किलोमीटर दूर पर स्थित ग्राम सरोना में क्लस्टर संगठन के अंतर्गत गौमाता स्व-सहायता समूह के द्वारा गांव के ही गौठान में सब्जी की खेती की जा रही है, जिसे स्थानीय बाजार तथा आसपास के गांवों में विक्रय किया जा रहा है। इस कार्य में गौमाता स्व-सहायता समूह की 10 सदस्यों द्वारा सब्जी उत्पादन कार्य कर रही हैं। समूह के सभी सदस्यों द्वारा एक साथ बोवाई से लेकर विक्रय करने तक सम्पूर्ण लेखा-जोखा के आजीविका कार्य किया जा रहा है। स्थानीय रूप से जुड़े होने के कारण समूह के सभी सदस्यों को बिक्री करने में क्रेता और विक्रेता के बीच बातचीत करने में आसानी हो जाती है। वर्तमान में सब्जी उत्पादन बैंगन एवं पत्ता गोभी का उत्पादन किया जा रहा है। राज्य सरकार की महत्वाकांक्षी योजना सुराजी ग्राम योजना के तहत नरवा, गरूवा, घुरवा, बाड़ी के अंतर्गत समग्र ग्रामीण विकास के लिए गौमाता स्व-सहायता समूह ग्राम पंचायत सरोना द्वारा सार्थक प्रयास किया जा रहा है। बाड़ी योजनांतर्गत ग्राम पंचायत स्तर पर पशुओं के उचित व्यवस्था और विभिन्न आर्थिक गतिविधियां संचालित की जा रही है। सरोना गौठान में बड़ी संख्या में केचुआ खाद टंकी का निर्माण किया गया है, जिसमें गौठान के गोबर से वर्मी कम्पोस्ट निर्माण, सब्जी उत्पादन एवं बकरी पालन कार्य भी किया जा रहा है। सब्जियों में जैसे मिर्ची, भिण्डी, गंवारफल्ली, टमाटर, लौकी, खीरा, ककड़ी, कद्दू, बरबट्टी एवं अनेक प्रकार की भाजियां लगाने की तैयारी किया जा रहा है। बिहान योजना एवं समूह के सदस्यों के द्वारा आजीविका विकास हेतु विभिन्न योजनाओं के बारे में जानकारी दिया गया है। ग्राम पंचायत के सहयोग से गौठान में सब्जी का उत्पादन कर अतिरिक्त आमदनी प्राप्त हो रहा है। समूह के सदस्यों ने बताया कि सब्जी की खड़ी फसल से लगभग डेढ़ लाख रूपये से 02 लाख रूपये तक की आय प्राप्त होने की जानकारी दी गई है।