जिला कोरबा के उपनगरीय क्षेत्र अन्तर्गत बांकीमोंगरा के दो नंबर बस्ती में तड़के सुबह 5 बजे जमीन पर सो रही 38 वर्षीय महिला सुशीला बाई महंत पति श्रवण दास को एक जहरीले सांप ने काट लिया। जहां अचानक उठकर देखा तो सांप बगल में सो रहे एक बच्ची को भी डसने का प्रयास करने लगा। लेकिन महिला ने तत्काल आवाज लगाकर बच्ची को बचा लिया। उसके बाद देखते ही देखते घर के अन्य सदस्य और घर में मौजूद मेहमान भी महिला की चीख सुनकर उठ गए। महिला को इलाज के लिए अस्पताल में किया भर्तीउसके बाद महिला सुशीला महंत अचानक बेहोश होने लगी। जिसके बाद आनन-फानन में घर के अन्य सदस्यों के द्वारा महिला को कोरबा के जिला हॉस्पिटल ले जाकर भर्ती कराया गया। जहां उसका इलाज जारी है। वहीं सांप को घर में उपस्थित कुछ लोगों के द्वारा नजर बनाए रखा और घर में बने धान का कोठी में जहां बिल था। वहां सांप घुस गया। जिसे मिट्टी से बने बिल को बंद किया गया। सांप वहीं कैद हो गया। घर वालों के हाथ पैर उस समय फूलने लगे जब 18 घंटे बाद रात 9 बजे उसी बिल से निकलते दिखाई दिया। डरे सहमे घर वाले सोचने लगे कि फिर कहीं कोई घर वाले इस सांप का शिकार न हो जाए।
घटना की जानकारी के बाद रेस्क्यू टीम पहुंचीइसके बाद देर रात करीबन 9 बजे कोरबा शहर के जाने माने वाइल्डलाइफ रेस्क्यू टीम प्रमुख वन विभाग सदस्य जितेंद्र सारथी को फोन के माध्यम से सूचना मिली। जिसके बाद जितेंद्र सारथी द्वारा बांकीमोंगरा के युवा पत्रकार विकास सोनी को सूचना दी। ताकि घटना स्थल का स्थान पता चल सके। डर से भयभीत परिवारों से मिलकर रेसक्यू टीम की पहुंचने की जानकारी दे सकें। उसके बाद कोरबा अपने निवास स्थान से बांकीमोंगरा लगभग 40 किलोमीटर की दूरी तय कर स्वयं घटना स्थल पहुंचे। घर में चला 18 घंटे सांप का रेस्क्यूजहां सांप था। उस स्थान का नाम धान का कोठी है। जहां कोठी खाली थी। कोठी में बिल बना हुआ था। जिसमें सांप घुसा हुआ था। जितेंद्र सारथी ने घर के सदस्यों से पानी मंगाकर उस कोठी में काफी मात्रा में पानी डाला गया। ताकि पानी बिल के अदंर घुसे और सांप ऑक्सीजन लेने के बाहर आये। आखिर में वहीं हुआ। सांप धीरे-धीरे बाहर आने का प्रयास करने लगा। सांप बिल से अदंर-बाहर कर रहा था। रेस्क्यू टीम के प्रमुख जितेंद्र सारथी ने सभी सदस्यों को घर से बाहर होने और जगह खाली करने को कहां। जिसके बाद सांप बिल से बाहर आया और जितेंद्र सारथी ने सांप को सुरक्षित बाहर निकाला। रेस्क्यू टीम की आम लोगों से अपीलघर के सदस्यों के मुताबिक, घटना करीबन सुबह 5 बजे की है। आनन-फानन में महिला को जड़ी बूटी की दवा खिलाई गई। इसके बावजूद महिला की हालत में सुधार नहीं होने पर अस्पताल में भर्ती किया गया। जहां उसका इलाज किया जा रहा है। रेस्क्यू करने पहुंची रेस्क्यू टीम के प्रमुख जितेंद्र सारथी ने बताया कि यहां सांप काफी जहरीला है। भारत में ज्यादातर इन सांपों के काटने से लोग बच नहीं पाते हैं। यहीं कारण है कि समय रहते इलाज मिलने की वजह से जान बच गई। सारथी ने मीडिया के माध्यम से सभी आम जनों से अपील की है कि सर्प दंश होने पर अस्पात जाएं। झाड़ फूंक जड़ी बूटी के चक्कर में न रहें। झाड़ फूंक के चक्कर में ही लोगों की जान चली जाती हैं।
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