शाहजहांपुर के कांट में कुर्रियाकलां मार्ग पर स्थित नर्सिंग होम में उसकी संचालिका रुचि सक्सेना की मौत हत्या या आत्महत्या के बीच भले ही उलझी हो, लेकिन इसकी जांच में अस्पताल संचालन की हकीकत जरूर सामने आ गई। इसमें स्वास्थ्य महकमे के कामकाज की पोल भी खुल गई। पुलिस के मुताबिक, पुवायां के गांव कहमारा निवासी रुचि ने नर्सिंग का कोर्स किया था। शादी के बाद उसने शहर के एक अस्पताल में बतौर नर्स नौकरी भी की थी। बाद में उसने कुर्रियाकलां रोड पर नर्सिंग होम खोल लिया था। डॉक्टर के तौर पर मरीजों का इलाज करती थी। जांच में सामने आया कि नर्सिंग होम बिना पंजीकरण के चल रहा था। महिला रुचि और उसके पार्टनर सोनू वर्मा ने स्वास्थ्य विभाग में पंजीकरण करने के लिए फाइल दी थी। इसमें कई डॉक्टरों के नाम भी अंकित किए थे। अपर शोध अधिकारी डॉ.एसके सिंह ने अस्पताल का निरीक्षण किया। डॉ. सिंह के अनुसार, उन्हें आवेदकों के अलावा कोई डॉक्टर नहीं मिला था। इसके चलते पंजीकरण की फाइल स्वीकृत नहीं हो सकी थी। पांच महीने से मेन रोड पर अस्पताल चलता रहा, लेकिन स्वास्थ्य विभाग को इसकी खबर तक नहीं लग सकी। इसी तरह जिले अन्य क्षेत्रों में भी धड़ल्ले से अस्पताल और पैथोलॉजी लैब चलती हैं, लेकिन स्वास्थ्य विभाग को पता नहीं चलता। जब कोई केस बिगड़ता है तब जानकारी होती है कि अस्पताल अपंजीकृत है।
यह था मामला पुवायां के गांव कहमारा निवासी रुचि सक्सेना की शादी हरदोई जिले के थाना शाहबाद क्षेत्र के उधरनपुर गांव निवासी मुलायम सक्सेना चार साल पहले हुई थी। रुचि ने 25 जनवरी को कांट के अकर्रारसूलपुर निवासी सोनू वर्मा उर्फ माया प्रकाश की पार्टनरशिप में कुर्रियाकलां रोड पर नर्सिंग होम खोला था। किराये के भवन में संचालित नर्सिग होम में काफी मरीज रोजाना आते थे। इसी अस्पताल में बुधवार रात रुचि का शव फंदे से लटका मिला। मामले में रुचि के पार्टनर के खिलाफ हत्या की रिपोर्ट दर्ज कराई गई है। पुलिस जांच कर रही है।ऐसे हुई थी सोनू व महिला की पहचानरुचि की शादी चार साल पहले हरदोई में हुई थी, लेकिन वह शहर के अस्पताल में नर्स का काम करती थी। पुलिस के अनुसार, उस समय सोनू गाजियाबाद में नौकरी करता था। जिस अस्पताल में रुचि नौकरी करती थी, उसका संचालक सोनू का दोस्त है। सोनू अस्पताल के पास में रहता था। इस बीच निगोही में एक शादी में उनकी मुलाकात हुई तो जान-पहचान बढ़ गई। बातचीत शुरू हो गई। सोनू ने रुपये लगाकर रुचि को अस्पताल खुलवा दिया था। वह महिला डॉक्टर बनकर कार्य करने लगी और अस्पताल संचालन में हाथ बंटाती थी।सीओ सदर अमित चौरसिया ने बताया कि महिला के पति की तहरीर पर मुकदमा दर्ज कर लिया गया। शोषण जैसा कोई मामला नहीं है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में फंदे से लटकने से मौत होने की बात सामने आई है।advertisement
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