असम पुलिस द्वारा कांग्रेस नेता पवन खेड़ा की गिरफ्तारी के कुछ ही देर बाद सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें बड़ी राहत दे दी। सुप्रीम कोर्ट ने पवन खेड़ा की अंतरिम जमानत याचिका को मंजूरी दे दी। इसके साथ ही कोर्ट ने असम पुलिस और यूपी पुलिस को एफआईआर को एक साथ करने की याचिका पर नोटिस जारी किया है।
शीर्ष अदालत का कहना है कि सुनवाई की अगली तारीख तक याचिकाकर्ता को द्वारका कोर्ट से अंतरिम जमानत पर रिहा किया जाएगा। कोर्ट ने द्वारका कोर्ट को खेड़ा को अंतरिम राहत देने का निर्देश दिया है। बता दें, पवन खेड़ा की गिरफ्तारी के बाद वरिष्ठ अधिवक्ता व कांग्रेस नेता अभिषेक मनु सिंघवी ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर तत्काल सुनवाई की अपील की थी। वरिष्ठ अधिवक्ता सिंघवी ने खेड़ा के लिए अंतरिम राहत और प्राथमिकी के एकत्रीकरण की मांग की, क्योंकि देश भर में कई मामले दर्ज किए जा रहे है। सिंघवी ने कहा, खेड़ा ने इस मामले में माफी मांगी है और कहा कि यह एक गलती थी, जुबान फिलल गई थी। उन्होंने कहा, पवन खेड़ा की गिरफ्तारी की कोई आवश्यकता नहीं है।
मंगलवार तक गिरफ्तारी पर लगी रोक
पवन खेड़ा की गिरफ्तारी पर सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार तक रोक लगा दी है। खेड़ा के खिलाफ तीन जगहों पर दर्ज मामलों की एक साथ सुनवाई का आदेश दिया गया है। इसके साथ ही कोर्ट ने आपत्तिजनक बयानबाजी के लिए पवन खेड़ा को चेतावनी भी दी है।
इस बयान के चलते हुई गिरफ्तारी
पवन खेड़ा के इस बयान पर काफी बवाल मचा और बीजेपी ने इस बयान को लेकर कांग्रेस पर खूब निशाना साधा. इस बयान को लेकर असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने भी कहा था कि देश कांग्रेस को कभी माफ नहीं करेगा. इस मामले में यूपी के लखनऊ और वाराणसी, जबकि असम के दीमा हसाओ में खेड़ा के खिलाफ मामला दर्ज किए गए. इसी मामले में असम पुलिस ने दिल्ली पुलिस से खेड़ा को गिरफ्तार करने का अनुरोध किया था. असम पुलिस का कहना है कि उन्हें स्थानीय कोर्ट में पेश कर असम लाया जाए. जहां उनसे पूछताछ की जाएगी.
कांग्रेस ने कहा- ये तानाशाही
दोपहर 12 बजे पवन खेड़ा की गिरफ्तारी के बाद से ही कांग्रेस नेता एयरपोर्ट पर ही खेड़ा की गिरफ्तारी के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया. इस दौरान तमाम नेता एयरपोर्ट पर धरने पर भी बैठ गए. कांग्रेस ने ट्वीट कर कहा कि ये तानाशाही रवैया है. कांग्रेस ने भाजपा सरकार पर हमला बोलते हुए कहा- तानाशाह ने अधिवेशन से पहले ED के छापे मरवाए और अब इस तरह की हरकत पर उतर आया.
पवन खेड़ा पर कितन धाराओं के तहत केस
आपको बता दें कि असम पुलिस ने पवन खेड़ा पर कई IPC की कई धाराओं के तहत केस दर्ज किया था. इसमें 500 (मानहानि), 504 (अपमानित करना), 505 (1) फर्जी खबर फैलाना, 505 (2) समुदायों के बीच दुश्मनी पैदा करना, 120B (आपराधिक साजिश), 153A (माहौल बिगाड़ना), 153B(1) (देश की एकता पर चोट) शामिल है. इसमें दोषी पाए जाने पर खेड़ा को 3 से 5 साल की सजा हो सकती है.