मध्य प्रदेश

खुशखबरी : विदिशा जिले के किसानों को केन-बेतवा लिंक परियोजना से रबी सीजन तक पानी देने का लक्ष्य

विदिशा

केन-बेतवा लिंक परियोजना (Ken-Betwa link project) विदिशा जिले की पहली आधुनिक सिंचाई परियोजना है। कोठा बैराज का काम बारिश की वजह से नदी में बढ़े बहाव की वजह से रुक गया था। लेकिन अब पानी कम होने के बाद निर्माण कार्य में फिर से तेजी देखी जा रही है। परियोजना की डेडलाइन 2023 रखी गई है और 25000 किसानों को रबी फसल के सीजन तक सिंचाई का पानी दिए जाने का लक्ष्य तैयार किया गया है।

अभी बेतवा नदी पर जो काम चल रहा है उसमें 365 मीटर बैराज में 6 ब्लॉक का काम बाकी है। इसी के साथ पाइप लाइन और पंप हाउस से जुड़े बहुत से काम भी बचे हुए हैं। इस परियोजना में सिंचाई के लिए पानी उपलब्ध कराने के साथ-साथ पेयजल के लिए भी पानी का स्टोरेज किया जाने वाला है। आने वाली गर्मियों को देखते हुए अभी से 6.6 एमसीएम पानी पीने के लिए रिजर्व रख लिया गया है।

अब तक सिंचाई के लिए मिलने वाला पानी खुली नहर प्रणाली के तहत मिलता था लेकिन इस परियोजना में सिंचाई का पानी प्रेशराइज्ड पाइप प्रणाली से मिलेगा। जिले में इस तकनीक की ये पहली परियोजना है जिसके चलते कम पानी में ज्यादा सिंचाई की जा सकेगी।

मौजूदा समय में जिले में 7 मध्यम और 143 लघु सिंचाई योजनाएं हैं। इनसे 124252 हेक्टेयर रखने की सिंचाई की जाती है। सबसे बड़ी परियोजना हलाली सिंचाई परियोजना है जिसमें 40000 हेक्टेयर रकबा सिंचित किया जाता है। इसके अलावा 7 मध्यम परियोजनाओं से बाकी रखने की सिंचाई होती है इसमें लघु सिंचाई योजना से सिंचित होने वाली भूमि भी शामिल है। कोठा बैराज परियोजना पूरी हो जाने के बाद ये रकबा 1.5 लाख हेक्टेयर तक पहुंच जाएगा।

इस सिंचाई परियोजना को 709 करोड़ की लागत से तैयार किया जा रहा है। पहले इस योजना से 20000 हेक्टेयर भूमि सिंचित की जाने वाली थी लेकिन अब यह रकबा बढ़ गया है। परियोजना से जुड़े अधिकारियों का कहना है कि ड्रिप स्प्रिंकल सिंचाई पद्धति की वजह से 315 हेक्टेयर रकबे को एक एमसीएम पानी में सिंचित किया जा सकेगा। जबकि खुली नहर पद्धति में सिर्फ 200 हेक्टेयर रकबा ही संचित होता है।

कोठा बैराज सिंचाई परियोजना में कुल 17 ब्लॉक का निर्माण किया जाने वाला है। इनमें से 11 ब्लॉक का निर्माण हो चुका है और अगली बारिश से पहले निर्माण कार्य पूरा करने पर जोर दिया जा रहा है। योजना के तहत 450 किलोमीटर से ज्यादा भूमिगत पाइप लाइन बिछाई जा रही है जिसमें से 280 किलोमीटर तक का काम पूरा हो गया है। इस पाइपलाइन के माध्यम से नदी के दोनों सिरों पर पंप के माध्यम से भूमि की सिंचाई की जाएगी। जल्द काम पूरा कर रबी सीजन में किसानों को सिंचाई का पानी दिए जाने की बात कही जा रही है।

advertisement

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button