नेशनल हेराल्ड के इंदौर ऑफिस पर जीएसटी की छापेमारी
इंदौर
नेशनल हेराल्ड और ग्लोबल हेराल्ड प्रकाशन के इंदौर दफ्तर पर स्टेट जीएसटी (वाणिज्यिककर) विभाग ने छापा मार दिया। बोगस बिलों से जीएसटी इनपुट टैक्स क्रेडिट (आइटीसी) हासिल करने और टैक्स चोरी की आशंका में कार्रवाई की गई। प्रेस कांप्लेक्स एबी रोड स्थित प्रकाशन के दफ्तर पर गुरुवार सुबह से शुरू हुई जांच शुक्रवार रात तक जारी रही।
गांधी परिवार के स्वामित्व और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की जांच के कारण नेशनल हेराल्ड पहले से चर्चा में बना हुआ है। जीएसटी विभाग की जांच के निशाने पर अल्फा विजन ओवरसीज और उससे जुड़ी कंपनियां हैं। इन सभी फर्मों का पता भी जीएसटी रिकार्ड में नेशनल हेराल्ड का दफ्तर ही बताया गया है।
वाणिज्यिककर विभाग की टीम ने गुरुवार सुबह से कार्रवाई शुरू की। कार्रवाई दूसरे दिन भी जारी रही। शुक्रवार रात तक करीब 15 अधिकारियों की टीम अखबार के दफ्तर पर जांच में जुटी थी। इंदौर में नेशनल हेराल्ड और ग्लोबल हेराल्ड अखबार व प्रकाशन का स्वामित्व विष्णु गोयल और पत्नी रेखा गोयल के पास है। इन्हीं के नाम पर अल्फा विजन रजिस्टर्ड है। जीएसटी ने इसी फर्म को जांच के दायरे में लिया है।
डिप्टी कमिश्नर पूर्णिमा चौरसिया की अगुवाई में टीम जांच में जुटी है। अधिकारियों ने जांच जारी रहने का हवाला देते हुए कुछ भी कहने से इनकार कर दिया। सूत्रों के मुताबिक जांच के दौरान अखबार के दफ्तर पर 10 से ज्यादा फर्मे रजिस्टर्ड मिल चुकी हैं। जांच टीम ने बोरी भरकर बिल भी जब्त किए हैं। अलग-अलग फर्मों के नाम के इन बिलों की पड़ताल जीएसटी की जांच टीम टैक्स और आइटीसी के बिंदुओं पर पड़ताल कर रही है।
पहले भी चर्चा में
इंदौर के उद्योगपति विष्णु गोयल और उनकी पत्नी रेखा गोयल के स्वामित्व की कंपनी शिवा पब्लिकेशन ने 1998 में नेशनल हेराल्ड का स्वामित्व खरीद लिया था। 1983 में अर्जुनसिंह के मुख्यमंत्री कार्यकाल में नेशनल हेराल्ड को नाममात्र की कीमत पर आइडीए ने जमीन आवंटित की थी। बीते वर्षों से जारी कानूनी विवाद के दौरान नेशनल हेराल्ड इंदौर के स्वामित्व व जमीन के दस्तावेज ईडी ने भी तलब किए थे। आइडीए भी इसका भूमि आवंटन निरस्त कर चुका है। विभिन्ना मामलों में कोर्ट प्रकरण अब भी लंबित है।