मध्य प्रदेश

सावन महीने में डेढ़ घंटा पहले जागेंगे महाकाल

 उज्जैन
 ज्योतिर्लिंग महाकाल मंदिर में श्रावण मास में भगवान महाकाल की दिनचर्या में बदलाव होगा। अवंतिकानाथ भक्तों के लिए आम दिनों की अपेक्षा डेढ़ घंटा पहले जागेंगे। पुजारियों के अनुसार श्रावण माह में अधिक भक्तों को दर्शन कराने के लिए भगवान जल्दी जागते हैं। पं. महेश पुजारी ने बताया कि श्रावण मास में भगवान महाकाल के जल्दी जागने का क्रम शुरू हो जाता है। श्रावण माह के प्रत्येक रविवार को रात 2.30 बजे तथा शेष दिनों में रात तीन बजे मंदिर के पट खोले जाते हैं। इसके बाद भस्म आरती होती है और फिर आम दर्शन का सिलसिला शुरू हो जाता है। इस बार 14 जुलाई से श्रावण मास की शुरुआत हो रही है, इसलिए 13 जुलाई की रात तीन बजे मंदिर के पट खुलेंगे। भस्म आरती के उपरांत सुबह पांच बजे से सामान्य दर्शनार्थियों को मंदिर में प्रवेश दिया जाएगा। बता दें कि विशेष पर्व व त्योहारों को छोड़कर वर्षभर तड़के चार बजे मंदिर के पट खोले जाते हैं।

प्रत्येक सोमवार पर दो घंटे पहले होगी संध्या पूजा

महाकाल मंदिर शाम पांच बजे भगवान महाकाल की संध्या पूजा होती है। इसके बाद भगवान का भांग श्रृृंंगार किया जाता है। लेकिन श्रावण माह के प्रत्येक सोमवार तथा भादौ मास में अमावस्या से पहले आने वाले सोमवार पर भगवान महाकाल की सवारी निकलती है, इसलिए इन सोमवार को संध्या पूजन के समय में बदलाव किया जाता है। इस दिन संध्या पूजन शाम पांच बजे के बजाय दोपहर तीन बजे की जाएगी।

श्रावणी पूर्णिमा पर लगेगा लड्डुओं का महाभोग

श्रावणी पूर्णिमा पर रक्षाबंधन के दिन श्रावण मास का समापन होता है। इस दिन भगवान महाकाल को सवा लाखा लड्डुओं का महाभोग लगाया जाता है। श्रावण माह में जिस पुजारी की भस्म आरती रहती है, उस पुजारी परिवार की ओर से भगवान को लड्डुओं का महाभोग लगाया जाता है। धार्मिक मान्यता के अनुसार जो भक्त माह पर्यंत श्रावण के उपवास रखते हैं, वे रक्षाबंधन के दिन भगवान महाकाल को लगने वाले महाभोग का प्रसाद ग्रहण कर उपवास खोलते हैं।

advertisement

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button