कोयले की सप्लाई तेज करने पमरे ने रोकी पैसेंजर ट्रेनें
जबलपुर
यात्रियों को बेहतर सुविधा देने का दावा करने वाले रेलवे ने इन दिनों उन्हें दुविधा में डाल दिया है। इसकी वजह वो पैसेंजर ट्रेनें हैं, जो घंटों लेट चल रही हैं। जबलपुर से गुजरने वाली ट्रेनों के साथ-साथ यहां से रवाना होने वाली ट्रेनें भी इन दिनों देरी से चल रही हैं, लेकिन इसकी वजह न तो कोहरा है और न ही ट्रैक मेंटनेंस। बल्कि पश्चिम मध्य रेलवे जोन से निकलने वाली मालगाडि़यां है। इन गाडि़यों को चलाने के लिए इन दिनों पैसेंजर ट्रेनों को घंटाभर खड़ा किया जा रहा है। इस वजह से जो ट्रेन समय पर चलती थी, वो अब दो से तीन घंटे देरी से चल रही हैं। जबलपुर मंडल के कटनी-बीना, कटनी-सिंगरौली, कटनी-सतना और कटनी-इटारसी रेलवे ट्रैक पर चलने वाले ज्यादातर ट्रेनों को रोककर मालगाडियों को निकाला जा रहा है।
कोयला पहुंचाने में जुटा जोन :
इन दिनों रेलवे ने पावर प्लांट तक कोयला पहुंचाने के लिए बड़ी संख्या में मालगाडियां चलाई हैं। इनमें से अधिकांश मालगाडी पमरे जोन की सीमा से गुजर रही है। रेलवे ने काेयले से भरी मालगाडि़यों की रफ्तार बढ़ाने और समय से कोयला पहुुंचाने के निर्देश दिए हैं। इसके पालन करने में यात्री ट्रेनों को रोककर मालगाडि़यों को आगे निकला जा रहा है। यही वजह है कि जबलपुर की ट्रेनों पर भी इसका असर होने लगा है। रेलवे ट्रैक पर घंटे पैसेंजर ट्रेनों को खड़ा कर, पहले मालगाडि़यां निकाली जा रही है। इसको लेकर यात्रियों में खासी नाराजगी है। उनका कहना है कि रेलवे, इन दिनों यात्रियों की सुविधा को दरकिनार कर कमाई करने में जुटा है।
पैसेंजर ट्रेन के और बुरे हाल :
इन दिनों सुपरफास्ट और एक्सप्रेस ट्रेनों को ही देरी से नहीं चलाया जा रहा, बल्कि पैसेंजर ट्रेनों के तो और बुरे हाल है। गर्मी में कोच में सफर करने वाले यात्री परेशान हैं। इन ट्रेनों को कभी भी कहीं भी रोक दिया जा रहा और फिर घंटों खड़ा कर मालगाडि़यों को निकाला जा रहा है। इटारसी से प्रयागराज जाने वाली ट्रेन 11117 भी एक घंटे से ज्यादा लेट चल रही है। वहीं पिछले दिनों गोंडवाना और शक्तिपुंज ट्रेन को भी देरी से रवाना किया गया। इसकी वजह ट्रेन देरी से आने और समय पर कोच का मेंटनेंस न होना बताया गया।