मध्य प्रदेश

परिवार नियोजन में महिलाएं अव्वल

श्योपुर
फिल्म पोस्टर ब्वॉयज नसबंदी की अहमियत को दर्शाती है, लेकिन यह कहानी सिर्फ पर्दे पर ही अच्छी है। हकीकत तो इससे कोसों दूर है। नसबंदी के मामले में श्योपुर जिले में पुरुष पोस्टर ब्वॉय निकले हैं, जबकि परिवार नियोजन में महिलाएं अव्वल हैं। जिले में नसबंदी के मामले में पुरुषों का आंकड़ा आधा फीसदी भी नहीं है।

स्वास्थ्य विभाग की खूब जोर आजमाइश करने के बाद भी चार साल में नसबंदी कराने में पुरुषों का 0.2 प्रतिशत आंकड़ा रहा है। महिलाओं ने परिवार नियोजन में बढ़ चढ़कर भाग लिया है। महिलाओं का प्रतिशत 156.02 रहा। पुरुष तो पोस्टर ब्वॉयज निकले हैं। फिल्म में भले ही बॉलीवुड के स्टार अभिनेताओं ने नसबंदी का संदेश दिया हो, मगर पुरुषों को कहानी फिल्मी ही लगी है। संदेश का उन पर कोई असर नहीं पड़ सका। महिलाओं ने नसबंदी में दिलचस्पी भी दिखाई है, साथ ही पुरुषों को पछाड़ा है।

पुरुषों में नसबंदी के प्रति नहीं दिखाई रुचि
स्वास्थ्य विभाग को वर्ष 2021-22 के लिए मिले निर्धारित लक्ष्य 4050 के मुकाबले जिले में केवल सात पुरुषों ने ही नसबंदी कराई है। पुरुष नसबंदी के प्रति रुचि नहीं दिखा रहे है। जबकि 4 हजार 123 महिलाओं ने नसबंदी कराई। यदि हम पिछले कुछ वर्षों के आंकड़ो पर नजर डाले तो उनमें में पुरुष फिसड्डी साबित रहे।

वर्ष टारगेट केस पुरुष महिला
2018-19 4050 3459 07 3452
2019-20 4389 3863 14 3849
2020-21 4739 4186 03 4183
2021-22 4050 4129 06 4123

2018-19 में अब तक केवल 30 पुरुषों ने ही रुचि दिखाई
वर्ष 2018-19 से वर्ष 2021-22 तक केवल 30 पुरुषों ने ही नसबंदी में रूचि दिखाई है। पुरुषों के द्वारा नसबंदी नहीं कराए जाने को लेकर स्वास्थ्य विभाग के सामने पुरुषों में नसबंदी कराने के बाद कमजोरी होने की बात सामने आई है। पुरुषों के द्वारा रूचि नहीं दिखाए जाने पर स्वास्थ्य विभाग टारगेट पूरा नहीं कर पा रहा है।

 

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