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कोरबा जिलाक्राइमछत्तीसगढ़

राजनांदगांव से पुलिस ने शाहबाज को किया गिरफ्तार , प्‍यार की ऐसी दी सजा, प्रेमिका को सूजा से 51 बार गोदकर मारा

कोरबा में क्रिसमस से एक दिन पहले नीलकुसुम पन्ना (20) की हत्या मामले में पुलिस ने आरोपी शाहबाज को गिरफ्तार कर लिया है। शाहबाज की गिरफ्तारी पुलिस ने राजनांदगांव से की है। वह बस में बैठकर भागने की फिराक में रायपुर आ रहा था। इसी बीच रास्ते में पुलिस ने उसे धर दबोचा। उसकी निशानदेही पर पुलिस ने वारदात में साथ देने और साक्ष्य छिपाने वाले शाहबाज के ममेरे भाई तबरेज को भी पकड़ा है।

 

लव ट्रायंगल में की गई हत्या
सीएसईबी पुलिस चौकी क्षेत्र की पंप कॉलोनी निवासी नीलकुसुम पन्ना का शव उसके ही घर में 24 दिसंबर को खून से लथपथ मिला था। जांच के दौरान पुलिस को लव ट्रायंगल के बारे में पता चला। पुलिस पूछताछ में शाहबाज ने बताया कि वह नील कुसुम से प्यार करता था, लेकिन उसके गुजरात चले जाने के बाद वह किसी अन्य लड़के से मोबाइल पर बात करने लगी थी। यह बात उसे नागवार गुजरी

मुंह पर तकिया रखा, फिर शरीर पर किए 51 वार
आरोपी शाहबाज ने पुलिस को बताया कि वह नीलकुसुम से मिलने पहुंचा। वहां झगड़ा हुआ तो उसने सूजा से नीलकुसुम की हत्या की। वह चीख न सके, इसके लिए उसके मुंह पर तकिया रख दिया। पोस्टमार्टम रिपोर्ट से पता चला कि शाहबाज ने सूजे से 51 वार किए थे।  सीने पर 34 बार, पीठ पर 16 और बगल में एक बार वार किया गया था। हृदय के पास वाला जख्म ज्यादा गहरा था। वारदात के बाद शाहबाज पीछे के दरवाजे से भाग निकला था। 

सीसीटीवी फुटेज और एटीएम ट्रांजेक्शन के जरिए पहुंची पुलिस
पुलिस ने इस मामले में जांच शुरू की तो पता चला कि आरोपी शाहबाज वारदात के बाद टैक्सी से अंबिकापुर की ओर भागा है। कुछ दिन बाद अंबिकापुर में एटीएम से पैसे निकाले। फिर नागपुर से रुपये निकाले। इसके बाद जब आरोपी को लगा कि वह पकड़ा जाएगा तो वह राजनांदगांव पहुंचा और वहां से रायपुर की ओर बस से निकला था। इसी दौरान पुलिस उसे ट्रेस करते हुए पहुंच गई और रास्ते में ही चेकिंग कर उसे बस से उतार लिया।

लड़की के घर से फ्लाइट का टिकट, आपत्तिजनक चीजें मिली थीं
नील कुसुम की हत्या के दौरान घर में कोई नहीं था। पुलिस को वहां से आपत्तिजनक चीजें, फ्लाइट का टिकट, कपड़े सहित अन्य सामान बरामद हुआ था। जांच के दौरान पता चला कि यह सब सामान घर के लोगों का नहीं है। यह भी सामने आया कि टिकट शाहबाज के नाम पर था और वह गुजरात से रायपुर होते हुए कोरबा पहुंचा था। शाहबाज पत्थलगांव का रहने वाला है और बस में कंडक्टर था। उसी में उसका नीलकुसुम से परिचय हुआ। 

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