advertisement
देशब्रेकिंग न्यूज़

अगर आप अपनी गाड़ी के लिए लेना चाहते हैं BHARAT सीरीज की नंबर प्लेट… यह है तरीका और नियम

नई दिल्ली: 

भारत या कहें BH सीरीज की नंबर प्लेट अपनी गाड़ी पर लगाने के लिए तमाम लोग इच्छा रखते हैं. ऐसे में हाल ही में सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने नियमित वाहन पंजीकरणों को भारत श्रृंखला (बीएच Bharat series BH) के नंबरों में बदलने की अनुमति दे दी है. यह कदम बीएच श्रृंखला के दायरे को व्यापक बनाने के लिए उठाया गया है. अभी तक केवल नए वाहन ही बीएच श्रृंखला (BH Bharat series या भारत सीरीज) के निशान या चिह्न का विकल्प चुन सकते थे. सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने अब कहा है कि BH Series registration नियमों को लागू करने के दौरान बीएच श्रृंखला सुदृढ़ बनाने के लिए कई प्रकार के सुझाव मिले थे जिसके बाद विभाग ने इस संबंध में फैसला लिया है. 

अब जब BH series के नंबरों के लिए दायरा बढ़ा दिया गया है तब यह जानना जरूरी हो जाता है कि इसे कौन कौन ले सकता है और इसकी प्रक्रिया क्या है. इस संबंध में अब कई लोगों को यह लग रहा है कि आम नागरिक भी इस प्रकार की नंबर प्लेट को अपने वाहन में लगा सकता है. यह नंबर प्लेट पूरे देश के लिए जारी होती है और खास तौर पर उन लोगों को लिए जिन्हें नौकरी या काम अलग-अलग राज्यों में होता है. यानि उनकी नौकरी ट्रांसफरेबल है. 

28 अगस्त 2021 को देशभर में इस सीरीज को लागू किए जाने का फैसला लिय गया था. इसके तहत सेना में कार्यरत लोगों को यह सीरीज में गाड़ी का नंबर दिए जाने की व्यवस्था की गई थी ताकि उसे ट्रांसफर के बाद कोई समस्या न आए.
इसी के साथ राज्य सरकार की नौकरियों में भी इस प्रकार की सुविधा उन लोगों के लिए दी गई है जिन्हें अन्य राज्यों में स्थानांतरित किया जाता है. 

इसके पीछे कारण यह है कि इन सरकारी कर्मचारियों को दूसरे राज्य में जाने पर आर्थिक रूप से नुकसान न हो और न ही गाड़ी के संचालन में किसी प्रकार की समस्या आए. 15 सितंबर 2021 से भारत सीरीज नंबर प्लेट को जारी करना आरंभ कर दिया गया. इस देश की ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री में एक बड़ा बदलाव था. 

नए सरकारी नियम के अनुसार अब यह नंबर पुरानी गाड़ियों के लिए जारी किए जा सकेंगे. इससे पहले यह नंबर केवल नई गाड़ियों के साथ ही जारी किए जाने का प्रावधान किया गया था. 

यह नंबर पाने का तरीका भी बेहत सरल है. इसके लिए डीलर विशेष फॉर्म 20 भरता है. इसे वाहन पोर्टल पर भरा जाता है. यहीं पर डीलर को साफ इंगित करना होता है कि वाहन खरीदार भारत सीरीज का नंबर चाह रहा है. खास बात यह है कि यहीं पर डीलर को खरीदार के वर्किंग सर्टिफिकेट को अपलोड करना होता है. वर्किंग सर्टिफिकेट के रूप में फॉर्म 60 या फिर आईडेंटी कार्ड का प्रयोग किया जाता है. इसके साथ अन्य जरूरी कागजात भी डीलर को पोर्टल पर डालने होते हैं. 
बीएच सीरीज या भारत सीरीज के नंबर पाने के लिए वाहन मालिक को दो साल के टैक्स जमा करना होता है. पूरी प्रक्रिया हो जाने के बाद पोर्टल के जरिए नंबर मिल जाता है और इसकी पुष्टि संबंधित आरटीओ द्वारा की जाती है. 
यानी कुल मिलाकर पांच स्टेज की प्रक्रिया पूरी करने के बाद यह काम हो जाता है. 

अंत में यह बात साफ है कि यह नंबर प्लेट अभी भी आम नागरिकों के लिए न आवश्यक है न ही वे चाहकर भी इसे ले सकते हैं. अभी यह प्लेट केवल सरकारी कर्मचारिओं के लिए ही जारी की जा रही है. यह भी उन सरकारी कर्मचारियों के लिए जो दूसरे राज्य में स्थानांतरित किए जाते हैं. इसके अलावा निजी कंपनियों के वे कर्मचारी भी इस भारत सीरीज को ले सकते हैं जिनके कार्यालय कम से कम चार राज्यों में हैं और उन्हें वहां स्थानांतरित किया जा सकता है. 

Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com

https://www.jiosaavn.com/embed/playlist/110858205

ऐसी कर्मचारियों के समय को बचाने की नीयत से यह भारत सीरीज लागू की गई है. ताकि नियमों के अनुसार उन्हें नए राज्य में जाकर गाड़ी की नंबर प्लेट बदलवाने की आवश्यकता न पड़े. वैसे नियमों के अनुसार नए राज्य में जाने पर एक साल तक आप दूसरे राज्य की नंबर प्लेट का प्रयोग कर सकते हैं लेकिन फिर यह बदलवाना ही पड़ता है. यह भी बताना आवश्यक है कि यह नॉन ट्रांसपोर्ट गाड़ियों के लिए जारी की जाती है. 

advertisement

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button