राजनांदगांव। शासकीय कमलादेवी राठी स्नाकोत्तर महिला महाविद्यालय, राजनांदगांव में 18 जून को स्पोर्ट्स एवं मनोविज्ञान विभाग द्वारा (संयुक्त रूप से) इम्पेक्ट ऑफ कोविड-19 ऑन फिजिकल एंड मेंटल स्टेटस ऑफ स्पोर्ट्स मैन विषय पर एक राष्ट्रीय वेबीनार (ऑनलाईन संगोष्ठी) का आयोजन किया गया। भारत की प्रथम ओलम्पियन जिम्नास्ट सुश्री दीपा कर्मकार एवं विश्व मुक्केबाजी चैम्पियनशिप में कांस्य पदक विजेता गौरव बिदूरी वेबीनार में प्रमुख आकर्षण रहें। वेबीनार में दीपा ने अपने खेल जीवन के उतार-चढ़ाव के अनुभव साझा किए और बताया कि एक एथलीट को कठिन परिस्थितियों मे किस प्रकार धैर्य रखना चाहिए। वहीं गौरव बिदूरी द्वारा अपने वक्तव्य के माध्यम से अवगत कराया गया कि इस कोविड-19 के संक्रमण काल में एक स्पोट्समैन को किस प्रकार की कठिनाईयों का सामना करना पड़ रहा है। कार्यक्रम का स्वागत उद्बोधन महाविद्यालय की प्राचार्य एवं वेबीनार की संरक्षक डॉ. सुमन सिंह बघेल द्वारा दिया गया। इस अवसर पर प्राचार्य डा. सुमन बघेल ने कहा कि कोविड-19 के संक्रमण काल में जब देश के राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ियों को विभिन्न प्रकार के शारीरिक एवं मानसिक समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है, ऐसी स्थिति में उक्त विषय पर महाविद्यालय द्वारा राष्ट्रीय वेबीनार का आयोजन किया जाना गौरव का विषय है। यह वेबीनार निश्चित रूप से अपने उद्देश्यों को प्राप्त करने में सफल होगा। पं. रविशंकर शुक्ल विश्व विद्यालय के शारीरिक शिक्षा विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ. रीता वेणुगोपाल ने अपने पावर पाईंट प्रजेन्टेशन के द्वारा यह बताने का प्रयास किया कि इस संक्रमण काल के दौरान स्पोट्समैन को कौन-कौन सी बातों का विशेष ध्यान रखना चाहिए, जिससे कि वे अपनी शारीरिक क्षमता को बनाए रख सके। भारतीय युवा महिला बॉक्सिंग टीम की साइकोलाजिस्ट सुश्री प्रियावृंदा रोहतक हरियाणा से वेबीनार में शामिल हुई। उन्होंने अपने प्रजेन्टेशन के माध्यम से बताया कि सकारात्मक सोंच, मेडीटेशन तथा योग का मानसिक शक्ति को बेहतर बनाए रखने में महत्वपूर्ण योगदान है। इन्सटीट्यूट ऑफ बिहेविरल साईन्सेस, गुजराज फोरेन्सिक साइंस युनिवर्सिटी गांधीनगर के प्राध्यापक डॉ. कृष्णा कुमार मिश्रा ने अपने वक्तव्य में कहा कि पैरा स्पोर्ट्स पर्सन कोविड 19 से सबसे अधिक प्रभावित हैं, क्योंकि संक्रमण काल से उत्पन्न हो रही समस्याओं के अतिरिक्त उन्हे अपनी व्यक्तिगत परेशानियों से भी जूझना पड़ता है। विशेष रूप से महिला पैरा स्पोर्ट्स पर्सन के प्रति अधिक ध्यान दिये जाने की आवश्यकता है। नेशनल इन्सटीट्यूट ऑफ मेंटल हेल्थ एंड न्यूरो साईन्सेस (निमहान्स) बैंगलोर से वेबीनार में शामिल क्लिनिकल साइकोलालिस्ट डॉ. राजेश कुमार ने अपने उद्बोधन में कहा कि यदि हम अपने सोचने का नजरिया बदल लें तो नकारात्मक वातावरण के बीच भी हमे सकारात्मक ऊर्जा प्राप्त हो सकती है। कोविड-19 से उत्पन्न वर्तमान परिस्थिति में स्पोर्ट्स पार्सन अपने व्यस्त कार्यक्रमों से अवकाश प्राप्त कर उन कार्यों को पूर्ण कर सकते हैं, जिसे सामान्य अवस्था में प्रायः पूरा किया जाना संभव प्रतीत नहीं होता है। वेबीनार में 275 प्रतिभागियों ने अपना पंजीयन कराया। यू ट्यूब लाईव के माध्यम से सम्पूर्ण वेबीनार का प्रसारण किया गया। स्पोट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एसएआई) मुंबई की रिजिनल डायरेक्टर श्रीमती सुस्मिता ज्योत्सी वेबीनार की संयोजक रहीं। वेबीनार का सफल संचालन महाविद्यालय की क्रीड़ा अधिकारी एवं आरगेनाईजिंग सेक्रेटरी डा. नीता एस. नायर द्वारा किया गया। मनोविज्ञान विभाग के विभागाध्यक्ष एवं आरगेनाईजिंग सेक्रेटरी डा. बसंत कुमार सोनबेर ने वेबीनार में उपस्थित अतिथियों एवं वक्ताओं के प्रति आभार प्रकट किया।

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