भरतपुर :- प्रसूता का ट्रेन में करवाया प्रसव, इस वजह से 5वीं बेटी के जन्म पर क्रांति रखा नाम
रतलाम से मथुरा वाया बयाना होकर जा रही लोकल पैसेंजर ट्रेन में एक महिला ने एक बच्ची को जन्म दिया। इस महिला को प्रसव पीड़ा होने पर ट्रेन में सफर कर रही सहमहिला यात्रियों ने सुरक्षित प्रसव कराया।बयाना। रतलाम से मथुरा वाया बयाना होकर जा रही लोकल पैसेंजर ट्रेन में एक महिला ने शनिवार को एक बच्ची को जन्म दिया। इस महिला को प्रसव पीड़ा होने पर ट्रेन में सफर कर रही सहमहिला यात्रियों ने सुरक्षित प्रसव कराया। इसके बाद इस महिला को बयाना रेलवे स्टेशन पर उतारकर सीएचसी में भर्ती करवाया। जहां डॉक्टरों ने जच्चा और बच्चा दोनों को सुरक्षित बताया। महिला के पति उत्तर प्रदेश के कासगंज जिले के सबार गांव निवासी सत्यपाल जाटव ने बताया कि वह अपनी पत्नी सुनीता व पांच बच्चों के साथ ईंट-भट्टा पर मजदूरी करने के लिए गुजरात के दाहोद जा रहा था। सुनीता गर्भवती थी कि अचानक उसके बयाना रेलवे स्टेशन आने से पहले ही प्रसव पीडा हुई और ट्रेन के डिब्बे में यात्रा कर रही महिलाओ के सहयोग से सुनीता को डिलेवरी हुई। जिसमें उसने छठवीं पुत्री को जन्म दिया।क्रांति एक्सप्रेस में कई बार किया सफर,यही रखा नामट्रेन में जन्मी नवजात बेटी की मां सुनीता ने बताया कि उसके पति ने छठवीं बेटी का नाम क्रांति रखा है। पिता ने बताया कि उन्होंने कई बार क्रांति एक्सप्रेस में सफर किया है। इसलिए बेटी का नाम भी क्रांति रखा है। जबकि मां बेटी का नाम हसीना रखना चाहा रही थी। पिता ने बताया कि मजदूरी के लिए वह अक्सर गुजरात जाता है। इसके चलते वह यूपी से क्रांति एक्सप्रेस ट्रेन से ही परिवार के साथ जाता हैअस्पताल के बाहर लगाई मदद की गुहारअस्पताल के बाहर बैठे संजय ने बताया कि पहले उसके चार पुत्रियां हैं, जिनकी आयु 6 साल से अधिक नहीं है। एक पुत्र है, जिसकी आयु 4 साल है। उसने दूसरा पुत्र होने की चाहत रखी थी। मगर पुत्री ने जन्म दिया। अब उसके पास खाने पीने का कोई इन्तजाम नहीं है। ऐसे में भामाशाहों ने उसे दोनो समय के खाने पीने की व्यवस्था कर दी है। अब उसने लोगो से गुहार लगाई है कि भीषण सर्दी कै दौर में बच्चो पर भी पर्याप्त कपड़े नहीं है और बिस्तर, रजाई की व्यवस्था नहीं होने से उसे व उसके पांच बच्चों को अब अस्पताल में ही रात निकालनी पड़ेगी।