महासमुंद : छत्तीसगढ़िया ओलम्पिक
संसदीय सचिव ने किया जिला स्तरीय खेल का शुभारम्भआज और कल दो दिन होंगे बिल्लस, फुगड़ी, गेड़ी दौड़ भंवरा सहित 14 पारम्परिक खेलमहासमुंदछत्तीसगढ़ के पारम्परिक खेलों को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार द्वारा आयोजित छत्तीसगढ़िया ओलम्पिक 2022-23 सभी वर्ग के लोगों का पारम्परिक खेल प्रतियोगिताओं का जिले में अंतिम चरण का शुभारम्भ आज यहां प्रभु वल्लभाचार्य स्नातकोत्तर महाविद्यालय (मिनी स्टेडियम) में मुख्य अतिथि संसदीय सचिव एवं विधायक विनोद चंद्राकर ने छत्तीसगढ़ी महतारी के चित्र पर दीप प्रज्ज्वलित कर आयोजन का शुभारम्भ किया। मुख्य अतिथि विनोद चंद्राकर ने कहा कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने छत्तीसगढ़ के पारम्परिक खेलों को बचाने और उन्हें विश्व स्तर पर नई पहचान दिलाने का प्रसास किया है। उन्होंने कहा कि इस आयोजन की सफलता गांव देहात में बड़ी संख्या में बच्चे, युवा और बुजुर्गों का इसमें शामिल होने से यह सिद्ध हो गया है कि लोग अभी भी अपने पारम्परिक खेलों के प्रति समर्पित है। कार्यक्रम शुभारंभ अवसर पर छात्राआंे द्वारा रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किया और खूब तालियां बटोरी। कार्यक्रम की अध्यक्षता नगर पालिका अध्यक्ष राशि महिलांग ने की। विशिष्ट अतिथि के तौर पर जिला पंचायत उपाध्यक्ष लक्ष्मण पटेल एवं जनपद अध्यक्ष यतेन्द्र साहू शामिल हुए। उद्घाटन अवसर पर 18 वर्ष की बालिकाओं के बीच और दूसरी तरफ 18 वर्ष से ऊपर पुरुष वर्ग के बीच अलग-अलग रस्साकशी खेल खेला गया। मुख्य अतिथि ने टॉस कराया। संसदीय सचिव विनोद चंद्राकर ने कहा कि तीज त्यौहार, लोक संस्कृति, लोक कला को बढ़ावा देने के बाद अब छत्तीसगढ़ के पारम्परिक खेलोें को भी वैश्विक पहचान दिलाने के लिए छत्तीसगिढ़या ओलम्पिक 2022-23 की शुरूआत की गई। छत्तीसगढ़ की संस्कृति, सभ्यता की विशिष्ट पहचान यहां की ग्रामीण की परम्पराओं और रीति रिवाजों से हैं। इसमें पारम्परिक खेलों का विशेष महत्व है। पिछले कुछ वर्षों में छत्तीसगढ़ के खेलों को लोग भूलते जा रहे थे। खेलों को चिरस्थायी रखने, आने वाली पीढ़ी को इससे अवगत कराने के लिए छत्तीसगढ़िया खेलों की शुरूआत की गई। जिला स्तरीय खेल आज और कल दो दिन चलेंगे। इसमें लगभग जिले के सभी विकासखण्डों, दो क्लस्टरों के लगभग दो हजार खिलाड़ी शामिल है। इसमें जीतने वाले खिलाड़ी सम्भाग स्तरीय, उसके बाद राज्य स्तरीय प्रतियोगिता में शामिल होंगे। इस अवसर पर पुलिस अधीक्षक भोजराम पटेल, जिला पंचायत सीईओ एस. आलोक, वनमण्डलाधिकारी पंकज राजपूत, जनप्रतिनिधि और विभिन्न विभागों के अधिकारी उपस्थित थे। कलेक्टर निलेशकुमार क्षीरसागर ने स्वागत भाषण में कहा कि आधुनिक परिवेश में काल के ग्रास बनते जा रहे छत्तीसगढ़ के पारम्परिक खेलों से नयी पीढ़ी को अवगत कराने के लिए छत्तीसगढ़िया ओलम्पिक का शुभारम्भ सरकार द्वारा की गई। छत्तीसगढ़ में पहली बार हो रही पारम्परिक खेलों और खेल-कूद प्रतियोगिता का महासमुंद सहित पूरे छत्तीसगढ़ में जबरदस्त उत्साह है। उन्होंने अतिथियों के स्वागत के साथ ही जिला स्तर पर शामिल होने वाले खिलाड़ियों का उत्साहवर्धन किया और खेल भावना के साथ खेल खेलने की शुभकामना दी। कार्यक्रम को नगर पालिका अध्यक्ष राशि महिलांग और उपाध्यक्ष जिला पंचायत लक्ष्मण पटेल ने भी संबोधित किया। कार्यक्रम के अंत में सीईओ जिला पंचायत एस. आलोक द्वारा आभार प्रकट किया गया। जिला स्तरीय खेल में तीन आयु वर्ग 18 आयु वर्ग तक, 18-40 आयु वर्ग और 40 आयु वर्ष से अधिक महिला-पुरुष पाँचों विकासखंड और नगरीय क्षेत्र महासमुंद दो क्लस्टर के विजेता खिलाड़ी शामिल होंगे। खेलों में छत्तीसगढ़ के पारंपरिक 14 विधाओं के खेल खेलें जाएंगे। जिसमें 8 दलीय खेल गिल्ली डंडा, पिट्ठूल, संखली, लंगड़ी, दौड,़़ कब्बड्डी, खो-खो, रस्साकसी और बाँटी (कंचा) शामिल है। इसी प्रकार 6 एकल खेल बिल्लस, फुगड़ी, गेड़ी दौड़ भंवरा, 100 मीटर दौड़ और लंबी कूद शामिल है। आज मिनी स्टेडियम में लंगड़ी दौड़, पिट्ठूल, बाँटी (कंचा), कब्बड्डी, खो-खो एवं रस्साकसी खेल का आयोजन हुआ। इसी तरह शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में संखली एवं गिल्ली डंडा की प्रतियोगिता हो रही है।