दिल्लीः- द्वारका इलाके में रविवार शाम कोरोना संक्रमण के डर से आईआरएस अधिकारी शिवराज सिंह ने एसिड पीकर खुदकुशी कर ली। पता लगने पर परिजन उन्हें अस्पताल ले गए, जहां इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई। वह आयकर विभाग में अपर आयुक्त के पद पर तैनात थे। करीब 3 दिन पहले ही उनका कोरोना टेस्ट हुआ था, जिसकी रिपोर्ट नेगेटिव आई थी। इसके बावजूद उन्हें लगता था कि कोरोना होने पर बच्चे व परिवार के अन्य लोग परेशान हो जाएंगे। द्वारका जिला पुलिस अधिकारियों के अनुसार वर्ष 2006 के आईआरएस अधिकारी शिवराज सिंह (56) द्वारका के सेक्टर- 6 स्थित सन्मति अपार्टमेंट में रहते थे। उनकी ड्यूटी आरके पुरम स्थित आयकर विभाग के कार्यालय में थी। रविवार शाम को वह घर से बाहर निकले और अपार्टमेंट के बाहर खड़ी कार में बैठकर तेजाब पी लिया। इसके बाद जब शरीर में जलन होने लगी तो वह कार से बाहर निकलकर सारे कपड़े उतारकर फेंक दिए। अपार्टमेंट के गार्ड ने परिजनों को इसकी सूचना दी। परिजन उन्हें तुरंत पास में स्थित अस्पताल ले गए, जहां इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई। बताया जा रहा है कि उनके पास एक सुसाइड नोट मिला है जिसमें उन्होंने बच्चों को परेशान नहीं करने की बात कही है। साथ ही ऑफिस से भी परेशान नहीं करने की बात कही है। द्वारका पुलिस मामले की जांच कर रही है। गौरतलब है कि कुछ दिन पहले चाणक्यपुरी इलाके में भी वरिष्ठ आईआरएस अधिकारी केशव सक्सेना ने भी फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली थी।
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कोण्डागांव : राजस्व न्यायालयों में पक्षकारों की सुविधा के लिए सुनवाई स्थगित होने पर एक दिन पूर्व किया जाएगा सूचित कलेक्टर ने सभी राजस्व अधिकारियों को पक्षकारों की सुविधा को रखने दिए निर्देश
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