स्टार्टअप फंड लेकर से पांच लाख रोजगार तक, कांग्रेस ने 10 किए वादे, जानें इनके सियासी मायने,
हिमाचल प्रदेश में साल के अंत में विधानसभा चुनाव होने हैं। इसके लिए राजनीतिक पार्टियां अभी से जुट गई हैं। बुधवार को कांग्रेस ने चुनाव को लेकर 10 गारंटी जारी की। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री और हिमाचल प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ पर्यवेक्षक भूपेश बघेल ने ये गारंटी जारी की। इसमें रोजगार से लेकर शिक्षा और मुफ्त बिजली तक वादे किए गए हैं।
आइए जानते हैं इन वादों के सियासी मायने क्या हैं? इन वादों से कांग्रेस को कितना फायदा हो सकता है?
कांग्रेस के 10 वादे और उसके मायने
1. पुरानी पेंशन स्कीम होगी बहाल: कांग्रेस का यह सबसे बड़ा दांव है। कांग्रेस ने राजस्थान और छत्तीसगढ़ में पुरानी पेंशन स्कीम बहाल कर दी है। इसका वादा मार्च में हुए पांच राज्यों के चुनाव में भी किया गया था। हालांकि, कांग्रेस को इन चुनावों में इसका फायदा नहीं मिला था।
हिमाचल प्रदेश की बात करें तो यहां विभिन्न विभागों में करीब सवा लाख सरकारी कर्मचारी हैं। प्रदेश में चुनावी लड़ाई अभी तक भाजपा और कांग्रेस के बीच ही रही है। इस बार आम आदमी पार्टी ने भी पूरी ताकत लगा दी है। ऐसे में त्रिकोणीय मुकाबला हो सकता है। कांग्रेस की कोशिश होगी कि वह इस वादे के जरिए सरकारी कर्मचारियों को अपने पाले में कर लें।
2. महिलाओं को मिलेंगे हर महीने 1500 रुपये: हिमाचल प्रदेश की कुल अनुमानित जनसंख्या 7.50 करोड़ है। इनमें तीन करोड़ 80 लाख के करीब पुरुष, जबकि 3.69 करोड़ महिला हैं। कांग्रेस अपने इस वादे के जरिए आधी आबादी का वोट मिलने की उम्मीद कर रही है। उत्तर प्रदेश चुनाव में भी कांग्रेस ने ये वादा किया था, हालांकि वहां इसका कोई खास असर नहीं हुआ। आम आदमी पार्टी भी महिलाओं को भत्ता देने का एलान अलग-अलग चुनावों में करती रही है। कहा जा रहा है कि इस एलान के जरिए कांग्रेस दोनों विरोधी पार्टियों के मुद्दे की काट निकालने की कोशिश कर रही है।
3. 300 यूनिट बिजली फ्री : सबसे पहले दिल्ली में आम आदमी पार्टी ने 100 यूनिट मुफ्त बिजली का वादा किया था। अरविंद केजरीवाल को दिल्ली में ऐतिहासिक जीत भी मिली। अब ये वादा धीरे-धीरे सभी राजनीतिक पार्टियां करने लगीं हैं। भाजपा ने भी यूपी में किसानों को मुफ्त बिजली देने का वादा किया था। कांग्रेस ने हिमाचल प्रदेश में ये वादा करके ज्यादा से ज्यादा वोटर्स को अपने पाले में करने की कोशिश की है।
4. पांच लाख युवाओं को रोजगार : कांग्रेस का ये चुनावी वादा भी काफी बड़ा है। हालांकि, अब चुनावी घोषणा पत्रों से लगभग सभी राजनीतिक दल सरकारी नौकरी का वादा करने से बचने लगे हैं। इन पांच लाख रोजगार में प्राइवेट नौकरियों को भी गिना जाएगा। अब देखना ये दिलचस्प होगा कि भारतीय जनता पार्टी और आम आदमी पार्टी कितने लाख रोजगार का वादा करते हैं?