राज्य के माननीयों का वेतन बढ़ाने के संशोधन विधेयक पर सोमवार को राज्यपाल अनुसुईया उइके ने मंजूरी दे दी। इससे विधानसभा अध्यक्ष को अब हर महीने दो लाख 20 हजार रुपये और मुख्यमंत्री को दो लाख 30 हजार रुपये वेतन-भत्ता मिलेगा। अभी यह राशि क्रमश: एक लाख 47 हजार और डेढ़ लाख रुपये थी।
बता दें कि जुलाई में हुए विधानसभा के मानसून सत्र के दौरान राज्य सरकार ने माननीयों का वेतन-भत्ता बढ़ाने से संबंधित संशोधन विधेयक पेश किया था, जिसे सदन ने बिना चर्चा के ही सर्वसम्मति से पारित कर दिया था। विधायकों को अब वेतन-भत्ता मिलाकर हर माह एक लाख 60 हजार रुपये मिलेगा।
पद पहले अब
विधानसभा अध्यक्ष एक लाख 47 हजार दो लाख 20 हजार
मुख्यमंत्री एक लाख 50 हजार दो लाख 30 हजार
नेता प्रतिपक्ष एक लाख 30 हजार दो लाख 15 हजार
विधानसभा उपाध्यक्ष एक लाख 43 हजार दो लाख
मंत्री एक लाख 30 हजार दो लाख 15 हजार
विधायक
विवरण पहले नया
वेतन 20,000 20,000
निर्वाचन क्षेत्र भत्ता 30,000 55,000
टेलीफोन भत्ता 5,000 10,000
दैनिक भत्ता 1,000 2,000
चिकित्सा भत्ता 10,000 15,000
विधानसभा अध्यक्ष
वेतन 32,000 47,000
निर्वाचन क्षेत्र भत्ता 40,000 73,000
दैनिक भत्ता 2,000 2,500
विधानसभा उपाध्यक्ष
वेतन 28,000 35,000
निर्वाचन क्षेत्र भत्ता 40,000 70,000
दैनिक भत्ता 2,000 2,500
नेता प्रतिपक्ष
वेतन 30,000 45,000
निर्वाचन क्षेत्र भत्ता 40,000 70,000
दैनिक भत्ता 2,000 2,500
मुख्यमंत्री
वेतन 35,000 50,000
निर्वाचन क्षेत्र भत्ता 40,000 80,000
दैनिक भत्ता 2,000 2,500
मंत्री
वेतन 30,000 45,000
निर्वाचन क्षेत्र भत्ता 40,000 70,000
दैनिक भत्ता 2,000 2,500
इसके अतिरिक्त
– सत्र व समितियों की बैठक के दौरान प्रतिदिन एक हजार रुपये दैनिक भत्ता अतिरिक्त।
– सत्र व समितियों की बैठक में स्वयं के वाहन से आने वालों को 10 रुपये प्रति किलोमीटर की दरे से वाहन भत्ता।
– एक वर्ष में आठ लाख रुपये तक हवाई और रेलयात्रा की सुविधा।
पूर्व विधायकों को सुविधा
पेंशन
-पांच वर्ष तक विधायक रहने पर 35,000 रुपये प्रतिमाह।
-पांच से 10 वर्ष वालों को 300 रुपये
-11 से 15 वर्ष वालों को 400 रुपये
-16 या उससे अधिक वालों को 500 रुपये अतिरिक्त।
– चिकित्सा सुविधा- 15,000 रुपये प्रतिमाह अतिरिक्त।
– प्रतिवर्ष चार लाख रुपये तक हवाई और रेलयात्रा।
पड़ोसी राज्यों में विधायकों का वेतन
तेलंगाना- 2.50 लाख
महाराष्ट्र- 2.32 लाख
उत्तर प्रदेश- 1.87 लाख
झारखंड- 1.11 लाख
मध्य प्रदेश- 1.10 लाख
ओडिशा- 62 हजार