advertisement
छत्तीसगढ़

महासमुंद : जिले के दो गौठानों में गौमूत्र की खरीदी 20 से

पशुपालकों को होगा फायदा

गौ पालकों को गोबर के साथ अब गौ-मूत्र भी आय का जरिया होगा। 20 जुलाई से महासमुंद जिले की दो गौठानों बम्हनी और बड़गांव से इसकी शुरूआत होगी। मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री एस. आलोक ने बताया कि अभी हाल दो गौठानों में गौमूत्र की खरीदी 20 जुलाई से की जाएगी। इसके लिए सभी जरूरी तैयारी और संबंधित कर्मचारियों को प्रशिक्षण दिया गया है। उन्होंने कहा कि इससे पशुपालकों को काफी फायदा होगा। पशु चिकित्सा अधिकारी ने जानकारी देते हुए बताया कि जिले में लगभग 16 हजार से ज्यादा गौठानों में मवेशी पंजीकृत हैं। उन्होंने बताया कि बिरकोनी में 1384 गौवंशी और बड़गांव में 983 पशु हैं। उन्होंने बताया कि गौमूत्र में पाए जाने वाला यूरिया बहुत से कीटों और बीमारियों को नियंत्रित करता है।
गौमूत्र गौठान समिति के जरिए खरीदा जाएगा। कृषि वैज्ञानिकों के अनुसार गौमूत्र में बॉयो फर्टिलाइजर और बॉयो इंसेक्टिसाइड तैयार किए जाते है। गौमूत्र में यूरिया सहित अनेक मिनरल और एन्जाइम्स भी होते है। फर्टिलाइजर के रूप में गौमूत्र इस्तेमाल से पौधों की ऊँचाई और जड़ में अच्छी वृद्धि होती है। मिट्टी में भी लाभकारी जीवाणु में वृद्धि होती है।
गौमूत्र का इस्तेमाल जैविक कीटनाशक बनाने में किया जाएगा। राज्य में कई जगहों पर जैव कीटनाशक पहले से बनाए जा रहें हैं। लेकिन अब इसे संगठित रूप दिया जा रहा है। गौमूत्र की खरीदी से पशुपालकों की आय में वृद्धि होगी और उनकी आर्थिक स्थिति भी और बेहतर होगी। पशुपालकों को इससे फायदा होगा। सरकार के इस कदम से गाय की बेहतर सुरक्षा होगी। पशुपालकों की भी आय बढ़ेगी।

Advotisment

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button