सूरजपुर जिला मुख्यालय के पास कई गांवों को पक्की सड़क का इंतजार, कीचड़ में चलने की मजबूरी
छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के सूरजपुर (Surajpur) जिला मुख्यालय के समीप स्थित दर्जन से ज्यादा गांव के हजारों लोगों को पक्की सड़क का इंतजार है, लेकिन उनकी उम्मीदों पर हर बार पानी फिर रहा है. दरअसल, जिला मुख्यालय सूरजपुर के बगल से होकर रेण नदी गुजरती है. इस नदी पर लोगों की सुविधा के लिए तत्कालीन बीजेपी सरकार द्वारा करोड़ों की लागत से उच्च स्तरीय पुल का निर्माण कराया गया लेकिन इस पुल के दोनों तरफ की सड़क कच्ची हैं.
जिससे इस मार्ग पर आवागमन करने वाले लोगों को गर्मी और बरसात में परेशानियों का सामना करना पड़ता है. गर्मी में इस सड़क से धूल का अंबार लगा रहता है जबकि बरसात में रास्ता कीचड़ से सन जाता है. यहीं नहीं इस सड़क पर 4 यू-टर्न है जिससे फोर व्हीलर गाड़ियों को काफी परेशानी होती है.
नदी पर पुल बना पर सड़क का काम नहीं हुआ पूरा
दरअसल, सरस्वतीपुर में रेण नदी पर पुल बनने के बाद सूरजपुर ब्लॉक अंतर्गत सरस्वतीपुर, रामपुर, रामनगर, रुनियाडीह, दतिमा, कुम्दा, गांगीकोट, बतरा, राई, करंजी, सोहागपुर समेत दर्जनों गांव के हजारों लोगों की जिला मुख्यालय से दूरी कम हो गई. इन गांव के लोग पहले जहां बिश्रामपुर मार्ग से 25-30 किलोमीटर की दूरी तय कर जिला मुख्यालय सूरजपुर पहुंचते थे. अब सरस्वतीपुर में पुल बन जाने से 10 से 15 किलोमीटर की दूरी कम हो गई है. लेकिन सरस्वतीपुर से पुल तक पहुंचने का लगभत दो किलोमीटर का रास्ता बेहद खराब है. जिससे इस मार्ग से आवागमन करने वाले मुसाफिरों को परेशानियों का सामना करना पड़ता है.
इस मार्ग पर जगह जगह गड्ढे हैं. जिससे हर समय दुर्घटना की संभावना बनी रहती है. वहीं इस मार्ग से जिला मुख्यालय जल्दी पहुंचा जा सकता है इसलिए हर कोई इसी मार्ग पर ज्यादातर सफर करता है. लेकिन बारिश के समय इन दिनों सड़क पर कीचड़ रहने से काफी परेशानी होती है.
5 साल पहले ही बन गया था पुल
बता दें कि, रेण नदी पर पुल बने 5 साल पूरे हो चुके हैं. पुल निर्माण का काम जब से पूरा हुआ तब से क्षेत्र के लोग सरस्वतीपुर-सूरजपुर मार्ग को पक्की सड़क में रूप में उन्नयन करने की मांग कर रहे हैं. लेकिन प्रशासन द्वारा हर बार यह कहा जाता है कि प्रशासनिक स्तर पर सड़क के लिए इस्टीमेट बनाकर शासन को भेज दिया गया है. जैसे ही स्वीकृति मिलेगी सड़क निर्माण का कार्य किया जाएगा. लेकिन पुल बने पांच साल हो गए. अब तक सड़क का कुछ नहीं हो सका है.
खस्ताहाल सड़क पर लोगों का आवागमन जारी है. कुछ साल पहले सरस्वतीपुर पंचायत की ओर से ऊबड़-खाबड़ सड़क को प्लेन करने के लिए उक्त मार्ग पर मोरम डलवाया गया था. जिससे गर्मी के समय में हालत तो कुछ ठीक थे, लेकिन बारिश में सड़क कीचड़ से सन गया है. जगह जगह गड्ढे हो गए हैं जो हर वक्त हादसे को न्योता देते हैं.
काफी व्यस्त रहता है यह मार्ग
गौरतलब है कि पुल बनने के बाद जिला मुख्यालय के उत्तर दिशा में बसे कई गांव के लोगों की दूरी मुख्यालय से कम हो गई. ऐसे में शासकीय कर्मचारी, छात्र, किसान, व्यवसायी, प्राइवेट कर्मचारी सैकड़ों लोग इसी मार्ग से आना जाना सुलभ समझने लगे. जिससे यह मार्ग काफी व्यस्त होता चला गया. इसको लेकर क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों ने प्रशासन को कई बार पक्की सड़क के लिए ज्ञापन सौंपा. लेकिन हर बार आश्वासन मिला, लेकिन काम नहीं हुआ.
ऐसे में अभी हाल की सूरजपुर के रामनगर में आए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को क्षेत्र के लोगों इस सड़क को बनवाने के लिए आवेदन दिया. जिस पर सीएम ने मंच से ही सरस्वतीपुर-सूरजपुर मार्ग को बनाए जाने की घोषणा की है. इस पर PWD विभाग ने सड़क के लिए इंसिटिमेट शासन को भेज दिया है, लेकिन स्वीकृति नहीं हो सकी है. पीडब्ल्यूडी विभाग के ईई महादेव लहरे ने बताया कि, सड़क के लिए इस्टीमेट भेज दिया गया है. शासन से सेंक्शन होगा. इसके बाद प्रशासकीय स्वीकृति जारी होगा तब आगे की कार्रवाई होगी.