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छत्तीसगढ़

गाजियाबाद क्राइम एसपी से नोएडा पुलिस की शिकायत करने पहुंची छत्तीसगढ़ पुलिस

जी न्यूज के एंकर रोहित रंजन की गिरफ्तारी का मामला नया मोड़ लो चुका है। बुधवार को छत्तीसगढ़ पुलिस नोएडा पुलिस की शिकायत करने के लिए गाजियाबाद क्राइम एसपी के पास पहुंची। उनका आरोप है कि गिरफ्तारी वारंट होने के बावजूद गाजियाबाद की स्थानीय पुलिस ने उन्हें रोहित को गिरफ्तार नहीं करने दिया।

बता दें कि छत्तीसगढ़ पुलिस एसएसपी से मिलने एसएसपी कार्यालय पहुंची थी, लेकिन एसएसपी से मुलाकात न हो पाने के कारण उन्होंने एसपी अपराध डॉ. दीक्षा शर्मा को अपनी शिकायत दर्ज कराई। छत्तीसगढ़ के रायपुर के नगर अधीक्षक उदयन बेहार ने कहा कि छत्तीसगढ़ पुलिस अपनी एक वारंटी पर रोहित को गिरफ्तार करने आई थी, लेकिन इंदिरापुरम पुलिस ने गिरफ्तारी में सहयोग नहीं किया। छत्तीसगढ़ पुलिस अपना शिकायती पत्र देकर जी न्यूज के स्टूडियो नोएडा के लिए रवाना हो गई।

वहीं इंदिरापुरम की निहो स्कॉटिश सोसायटी में रोहित रंजन के फ्लैट पर बुधवार सुबह भी छत्तीसगढ़ पुलिस दबिश देने पहुंची थी, लेकिन वहां फ्लैट पर ताला लगा होने के बाद बैरंग लौट गई। इसी के बाद उन्होंने गाजियाबाद पुलिस से शिकायत करने की ठानी। उधर सोसाइटी की आरडब्ल्यूए ने बाहरी लोगों की एंट्री से पूर्व उनकी जांच पड़ताल करने में सख्ती बरतनी शुरू कर दी है।

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के बयान को गलत तरीके से पेश करने के मामले में मंगलवार सुबह टीवी एंकर रोहित रंजन को गिरफ्तार करने के लिए पहुंची छत्तीसगढ़ और गाजियाबाद पुलिस के बीच काफी देर तक नोकझोंक हुई थी। 

इसी बीच नोएडा के सेक्टर-20 थाने की पुलिस आई और रोहित को गिरफ्तार कर ले गई थी। छत्तीसगढ़ पुलिस ने इसकी वजह पूछी तो जवाब मिला कि रोहित के खिलाफ नोएडा में केस दर्ज है। रोहित को ले जाने के लिए छत्तीसगढ़ और नोएडा पुलिस में खींचतान भी हुई। हालांकि, देर रात नोएडा पुलिस ने थाने से एंकर को जमानत पर रिहा कर दिया। 

इंदिरापुरम की निहो स्काटिस सोसाइटी निवासी रोहित के खिलाफ छत्तीसगढ़ के रायपुर में मामला दर्ज हुआ था। इसी मामले में रायपुर के सिविल लाइन थाने की पुलिस मंगलवार सुबह साढ़े पांच बजे पहुंची। इसका पता चलते ही रोहित ने ट्वीट करके गाजियाबाद पुलिस से मदद मांगी। छत्तीसगढ़ पुलिस ने रोहित को कार में बिठा लिया और चलने ही वाली थी कि इंदिरापुरम थाने की पुलिस पहुंच गई।

पुलिस ने छत्तीसगढ़ के पुलिसकर्मियों से सवाल किया कि आप लोग कौन हैं? यहां क्यों आए हैं? जवाब मिला, हमारे पास वारंट है और रोहित को गिरफ्तार करने आए हैं। हम छत्तीसगढ़ पुलिस से हैं। गाजियाबाद पुलिस ने एक और सवाल दागा, पुलिसवाले हो तो वर्दी में क्यों नहीं हो और थाने में आमद दर्ज क्यों नहीं कराई? जवाब मिला, आमद दर्ज कराना जरूरी नहीं। फिर भी अब सूचना दे रहे हैं।

रोहित को पहले छत्तीसगढ़ थाना पुलिस ने कार में बिठा लिया। इसके बाद नोएडा पुलिस पहुंची तो उसने अपनी कार में बिठा लिया। छत्तीसगढ़ पुलिस ने इस पर एतराज जताया और रोहित को जबरन कार में बिठाने की कोशिश की। इस पर दोनों में खींचतान हुई। रोहित के समर्थन में लोग भी पहुंच गए। उन्होंने छत्तीसगढ़ पुलिस की कार्रवाई का विरोध किया। इसी दौरान नोएडा पुलिस रोहित को लेकर चली गई। छत्तीसगढ़ पुलिस देखती रह गई।

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