छत्सीसगढ़ में तेजी से बढ़ते कोरोना के मामलों को देखते हुए एक बार फिर राज्य शासन और स्वास्थ विभाग अलर्ट हो गया है. वहीं कोरोना गाइडलाइन के नियमों का पालन करने के लिए सभी जिलों के कलेक्टर को निर्देश दिया गया है. साथ ही शिक्षा विभाग ने भी सभी स्कूलों को अलर्ट कर दिया है. शिक्षा विभाग ने स्कूलों में बच्चों की सुरक्षा को भी ध्यान में रखते हुए कोरोना गाइडलाइन का अनिवार्य रूप से पालन कराने के निर्देश दिए हैं.
स्कूल प्रबंधन बरत रहा लापरवाही
बस्तर में सरकारी और निजी स्कूलों में गाइडलाइन का पालन होता नजर नहीं आ रहा है. स्कूलों में इस तरह की लापरवाही भारी पड़ सकती है. कुछ दिन पहले ही प्रदेश के कुछ जिलों में स्कूली बच्चे और शिक्षक कोरोना से संक्रमित मिले थे जिसके बाद चिंता बढ़ गई है. पिछले कुछ सप्ताह से प्रदेश में कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या भी बढ़ती जा रही है और हर दिन कोरोना से संक्रमित मरीज मिल रहे हैं. इसे देखते हुए भी बस्तर में स्कूल प्रबंधन कोरोना गाइडलाइन को लेकर लापरवाही बरत रहा है.
बस्तर में बढ़ रहे कोरोना मामले
बस्तर में बीते 16 जून से सभी सरकारी और निजी स्कूलों को खोल दिया गया है और स्कूलों में पढ़ाई भी शुरू हो चुकी है और बड़ी संख्या में बच्चे भी पहुंच रहे हैं, लेकिन पिछले कुछ सप्ताह से जिस तरह से एक बार फिर कोरोना संक्रमण तेजी से पैर पसार रहा है. इसे देखते हुए भी शिक्षा विभाग बच्चों को संक्रमण से बचाने के लिए लापरवाही बरत रहा है.
शिक्षक भी कर रहे लापरवाही
स्कूलों में ना ही बच्चे मास्क लगाकर पहुंच रहे हैं और ना ही सैनेटाइजर का उपयोग किया जा रहा है. इसके अलावा खुद शिक्षक भी लापरवाही बरत रहे हैं. मौसम में बदलाव के साथ बच्चों में भी सर्दी खांसी और बुखार की शिकायत आम बात है, ऐसे में अगर एक भी बच्चा जांच के दौरान कोरोना संक्रमित निकलता है तो इससे कोरोना विस्फोट होने का भी खतरा मंडरा रहा है.
जिला शिक्षा अधिकारी ने क्या कहा
जिला शिक्षा अधिकारी भारती प्रधान का कहना है कि सभी स्कूलों को निर्देश दिया गया है कि स्कूल में कोरोना गाइडलाइन के नियमों का पालन किया जाए और अगर किसी स्कूलों में इस तरह की लापरवाही बरतने की जानकारी मिलती है तो उन पर जरूर कार्रवाई भी की जाएगी. लेकिन फिलहाल इतनी देर के बाद भी स्कूलों में कोरोना गाइडलाइन के नियमों का पालन नहीं किया जा रहा है.