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सेहत - स्‍वास्‍थ्‍य

पहली बार हार्ट अटैक के बाद धड़का दिल, चूहों पर किया गया सफलतापूर्वक परीक्षण

वैज्ञानिकों के मुताबिक, नई तकनीक से मांसपेशियों की कोशिकाओं को ठीक और पुनर्जीवित किया गया। एमआरएनए शरीर में प्रोटीन का निर्माण करते हैं, जो कि मांसपेशियों पर हमला करने वाले वायरस को मारने में काफी हद तक काम करता है। 

वैज्ञानिकों ने दौरा पड़ने के बाद पहली बार हृदय की कोशिकाओं का उपचार कर उन्हें पुन: जीवित करने में सफलता पाई है। दिल की बीमारियों को ठीक करने की दिशा में काम कर रहे टेक्सास के ह्यूस्टन विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों ने चूहों पर इसका सफलतापूर्वक परीक्षण किया है। इन्सानों में भी परीक्षण सफल रहा तो हजारों लोगों की जान बचाई जा सकेगी।

कोरोना के बाद ज्यादा आ रहे हैं हार्ट अटैक? मौतों की संख्या हुई 6 गुना, कैंसर को भी पीछे छोड़ा... जानिए ऐसा क्यों हो रहा है?

 इस प्रयोग में एक सिंथेटिक मैसेंजर राइबोन्यूक्लिक एसिड (एमआरएनए) का इस्तेमाल किया गया है। इस तकनीक में एमआरएनए इंजेक्शन डीएनए का एक ‘ब्लूप्रिंट’ बनाता है, जिसका इस्तेमाल शरीर में प्रोटीन बनाने के उस जगह होता है, जहां पर प्रोटीन हमारी कोशिकाओं को बनाता व नियंत्रित करता है।

वैज्ञानिकों के मुताबिक, नई तकनीक से मांसपेशियों की कोशिकाओं को ठीक और पुनर्जीवित किया गया। एमआरएनए शरीर में प्रोटीन का निर्माण करते हैं, जो कि मांसपेशियों पर हमला करने वाले वायरस को मारने में काफी हद तक काम करता है। 

इन्सानों की भी बचाई जा सकेगी जान

इलाज की नई विधि: सफलता की इस सीढ़ी तक इससे पहले कोई नहीं पहुंच सका था। विज्ञान के अनुसार हृदय की मांसपेशियों के दोबारा जीवित होने के आसार एक प्रतिशत से भी कम होते हैं। प्रयोग आगे भी सफल रहा तो इन्सानों के इलाज की नई विधि विकसित होगी। -रॉबर्ट श्वाज, जीव विज्ञानी, ह्यूस्टन विश्वविद्यालय

ऐसे किया गया परीक्षण
चूहों पर किए गए इस परीक्षण में टिश्यू कल्चर (जीवों में कोशिकाओं को जीवित रखने की प्रक्रिया) और जीवित चूहों का इस्तेमाल किया गया। इन चूहों में वाईएपी5एसए एक गेमचेंजर की तरह काम करता पाया गया। इस प्रयोग में दिल की बीमारी से जूझ रहे चूहे में म्यूटेशन देखा गया। इंजेक्शन के 24 घंटों में ही मायोसाइट (दिल में पाया जाने वाली एक कोशिका) में 15 गुना तक सुधार दिखाई दिया।

स्टेमिन और वाईएपी5एसए नामक प्रोटीन हृदय की कोशिकाओं (कार्डियोमायोसाइट्स) को सक्रिय कर देते हैं। यह उन मांसपेशियों को जीवित करता है, जिनकी काम करने की क्षमता न के बराबर होती है। स्टेमिन इंजेक्शन स्टेरॉइड्स नामक दवाओं के समूह से संबंधित है।

कोरोना के बाद ज्यादा आ रहे हैं हार्ट अटैक? मौतों की संख्या हुई 6 गुना, कैंसर को भी पीछे छोड़ा… जानिए ऐसा क्यों हो रहा है?

कोरोना वायरस का संकट अभी तक खत्म नहीं हुआ है. कोरोना वायरस के केस (Coronavirus Cases) एक बार फिर बढ़ने लगे हैं. वहीं, एक रिपोर्ट सामने आई है, जो वाकई डरा देने वाली है. दरअसल, इस रिपोर्ट में सामने आया है कि कोरोना महामारी के बाद हार्ट अटैक की संख्या में काफी इजाफा हो गया है. यहां तक कि हार्ट अटैक (Heart Attack) से होने वाली मौतों की संख्या 6 गुना तक बढ़ गई है और कई मायनों में हार्ट अटैक से होने वाली मौतों ने कैंसर को भी पीछे छोड़ दिया है. तो अब सवाल ये है कि क्या कोरोना वायरस की वजह से हार्ट अटैक ज्यादा आने लगे हैं?

इसके अलावा लोगों का सवाल है कि कोरोना के बाद से क्यों हार्ट अटैक और इससे होने वाली मौत के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं. तो हम आपको डॉक्टर से की गई बातचीत के आधार पर बताते हैं कि ऐसा क्यों हो रहा है और क्या सही में कोरोना से हार्ट पर असर पड़ा है.

हार्ट अटैक के क्या हैं आकड़ें?

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, एक आरटीआई में यह पता चला है कि पिछले साल जनवरी से जून के बीच, सिर्फ 6 महीनों में ही मुंबई में हार्ट अटैक से करीब 18 हजार मौतें हुई थीं. आरटीआई से मिले आंकड़ों के अनुसार, 2018 में हार्ट अटैक से 8 हजार 601 मौतें हुई थीं और फिर 2019 में 5 हजार 849 हुईं. इशके बाद 2020 में भी हार्ट अटैक से मौतों की संख्या में कमी आई और उस साल 5 हजार 633 मौतें हुईं. मगर 2021 से इनमें इजाफा शुरू हो गया और 2021 में हार्ट अटैक से जान गंवाने वालों की संख्या में 6 गुना से ज्यादा की बढ़ोतरी हो गई. पिछले साल जनवरी से जून के 6 महीनों में ही मुंबई में हार्ट अटैक से 17 हजार 880 लोगों की जान चली गई थी. इस डेटा ने कैंसर को भी पीछे छोड़ दिया है.

क्या कोरोना से पड़ा हार्ट पर असर?

कोरोना और हार्ट अटैक से कनेक्शन को लेकर हमने दिल्ली के पीएसआरआई हार्ट इंस्टीट्यूट के चेयरमैन डॉक्टर के के तलवार से बात की. उन्होंने बताया कि कोरोना की वजह से हार्ट पर असर हुआ है, लेकिन ऐसा नहीं है कि कोरोना की वजह से ही इतने हार्ट अटैक के केस बढ़ गए हैं. उन्होंने बताया कि इससे हार्ट संबंधी दिक्कतें मरीजों को बढ़ गई है और अभी तक इस पर रिसर्च चल रही है. डॉक्टर तलवार ने बताया, ‘ बेशक कोरोना की वजह से लोगों को कोरोना की दिक्कत हुई है और हार्ट का फंक्शन भी प्रभावित हुआ है. एक डेटा ये भी कहता है कि जब कोरोना से ठीक होने वाले लोगों का हार्ट का एमआरआई किया गया तो उसमें सामने आया कि सामने आया कि हार्ट पर असर हुआ है. अब इसमें कोई लोग ठीक हो गए हैं मगर यह इश्यू है.’

उन्होंने कहा, ‘ऐसे में यह कहा जा सकता है लोगों को कोराना के बाद हार्ट संबंधी दिक्कतें आई हैं, जिसमें बहुत कम लोगों को हार्ट फेल्योर आदि दिक्कतें आई हैं. ज्यादा लोगों को कोरोना के बाद ब्लड प्रेशर बढ़ने, पल्स रेट ऊपर नीचे होने, चक्कर आने जैसी दिक्कतें हो रही हैं.’

क्या कोरोना की वजह से आ रहे हैं हार्ट अटैक

अब बात करते हैं कि क्या हार्ट अटैक कोरोना की वजह से ही आ रहे हैं. इस पर डॉक्टर तलवार का कहना है कि हार्ट संबंधी दिक्कत हुई हैं और कुछ केस में ज्यादा दिक्कत होने की वजह से हार्ट अटैक की शिकायत भी हुई है. लेकिन ऐसा नहीं है कि कोरोना से ही हार्ट अटैक बढ़ रहे हैं. डॉक्टर तलवार के अनुसार, हार्ट अटैक दूसरा कारण ये भी है कि कई लोगों को पहले से हार्ट संबंधी दिक्कतें थीं और उन्होंने कोरोना की वजह से उन पर ध्यान नहीं दिया और जो रेग्युलर चेकअप करवाना था, वो भी नहीं करवाया. इस वजह से उनकी दिक्कत बढ़ गई है और ये दिक्कत हार्ट अटैक , हार्ट फेल्योर जैसी दिक्कतों में तब्दील हो गई.’

कोरोना से हार्ट पर असर होने का क्या कारण है?

अब बात करते हैं कि कोरोना से हार्ट पर असर किस तरह से पड़ा. इस पर डॉक्टर तलवार का कहना है, ‘इसके दो कारण हैं. एक तो कोरोना Angiotensin Converting Enzyme लंग्स में होते हैं और इनकी वजह से निमोनिया आदि होते हैं. वैसे ही ये हार्ट में भी होते हैं, तो इस वजह से हार्ट को भी कोरोना में इन्वॉल्व कर लिया जाता है, जिस वजह से हार्ट पर असर पड़ता है. इसके अलावा ओवर इम्यूनिटी की वजह से लोगों में हार्ट अटैक जैसी दिक्कतें हो रही हैं.

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