15 साल लिव-इन में रहने के बाद शख्स ने 3 प्रेमिकाओं से की शादी, 6 बच्चे बराती बनकर हुए शामिल
दूल्हे समरथ मोर्या ने बताया कि 15 साल पहले वह गरीब था, पैसे न होने के चलते उसने शादी नहीं की थी। 3 महिलाओं से प्यार हुआ, जिन्हें बारी-बारी से भगा कर वह अपने घर ले आया और पति-पत्नी की तरह साथ रहने लगा। तीनों महिलाओं से उसके 6 बच्चे हैं।
मध्य प्रदेश के अलीराजपुर जिले में एक शख्स ने अपनी तीन प्रेमिकाओं के साथ शादी की। आदिवासी युवक बीते 15 सालों से अपनी प्रेमिकाओं के साथ लिव-इन रिलेशन में रह रहा था। तीनों प्रेमिकाओं से उसके 6 बच्चे भी हैं। आदिवासी बहुल्य इस क्षेत्र में परंपरा है कि जब तक व्यक्ति रीति रिवाजों के साथ विवाह बंधन में नहीं बंध जाता, तब तक उसे किसी मांगलिक कार्यक्रम में शामिल होने की इजाजत नहीं होती, इसी वजह से समरथ मोर्या ने अपनी तीनों प्रेमिकाओं से आदिवासी रीति रिवाजों के साथ शादी की।
दूल्हे समरथ मोर्या ने बताया कि 15 साल पहले वह गरीब था, पैसे न होने के चलते उसने शादी नहीं की थी। तीन महिलाओं से उसे प्यार हुआ, जिन्हें बारी-बारी से भगा कर वह अपने घर ले आया और पति-पत्नी की तरह साथ रहने लगा। तीनों महिलाओं से उसके 6 बच्चे हैं। 15 साल से लिव-इन में रह रहे समरथ मोर्या की शादी से उनके परिजन और बच्चे काफी खुश हैं। परिवार के लोगों के साथ ही आस-पास के लोग समरथ की शादी में शामिल हुए और जमकर डांस किया। शादी के कार्ड में समरथ के साथ ही उसकी तीनों पत्नियों को नाम लिखे गए थे। समरथ मोर्या नानपुर इलाके का सरपंच भी रह चुका है।
भिलाला समाज में है लिव-इन की परंपरा
आदिवासी भिलाला समाज में युवकों को बिना शादी के महिला के साथ रहने और बच्चे पैदा करने की अनुमति है। हालांकि इस समाज की एक परंपरा ये भी है कि बिना शादी के घर बसाने वाले जोड़ों को समाज के किसी भी मांगलिक कार्यक्रम का हिस्सा बनने की इजाज़त नहीं होती। समरथ मोर्या की आदिवासी परंपरा से की गई शादी के बाद अब उसे और उसकी तीनों पत्नियों को समाज के मांगलिक कार्यक्रमों में शामिल होने की छूट मिल गई है।
अनुच्छेद 342 के तहत वैध हैं तीन शादियां
भारतीय संविधान का अनुच्छेद 342 आदिवासी रीति-रिवाज और विशिष्ट सामाजिक परंपराओं को संरक्षण देता है। इस अनुच्छेद के तहत समरथ मोर्या की एक साथ तीन दूल्हनों से शादी कानूनी तौर से वैध मानी जाएगी।