सूखत के नाम पर समिति प्रबंधक शासन को लगा रहे चूना.
डोंगरगढ़. ब्लाक के ग्राम पंचायत लाल बहादुर नगर स्थित जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक शाखा के धान खरीदी केन्द्र महाराजपुर में बड़े पैमाने पर धान सूखत होने की जानकारी सामने आई है। बताया जाता है कि महाराजपुर धान खरीदी केन्द्र में 1924.70 क्विंटल धान की सार्टेज बताई जा रही है, जिसकी कीमत 48 लाख 9 हजार 930 रुपए होगी, परंतु शाखा प्रबंधक और पर्यवेक्षक के द्वारा जो जानकारी दी गई है, उसको लेकर कई सवाल खड़े होने लगे हैं।
ज्ञात हो कि धान खरीदी केन्द्र महाराजपुर के द्वारा इस वर्ष 47941.20 क्विंटल धान की खरीदी की गई है, उसके हिसाब से अगर सूखत अधा प्रतिशत से कम है, तो इसका आधा प्रतिशत 2040 क्विंटल के आसपास आता है और इससे कम है तो सूखत सही मानी जाता है, जिसकी कीमत लगभग 20 लाख 40 हजार के आसपास जाता है। ऐसे में सवाल यह उठ रहा है कि एक धान खरीदी में इतने की सूखत आती है, तो शासन को कितने का चूना लगेगा, इसका आंकलन कर सकते हंै। हर वर्ष 1 अक्टूबर से धान की खरीदी प्रारंभ कर दी जाती थी, परंतु इस वर्ष पूरे एक माह लेट 1 नवम्बर से धान की खरीदी प्रारंभ की गई थी, जिसका परिवहन 15 मार्च से पूर्व करा लिया गया था, साथ ही साथ धान खरीदी के समय किसानों को बारदाने के नाम पर एक कट्टा में 600 से 700 ग्राम अधिक झुकाकर खरीदी की गई थी। इसके बाद भी धान का सूखत जाना कई सवाल खड़े कर रहा है।
जबकि शासन के नियमानुसार धान खरीदी केन्द्रों में सूखत देने का कोई मापदंड नहीं है। इसके विपरीत संस्था प्रबंधक के द्वारा यह तर्क दिया जाता है कि धान खरीदी के बाद 72 घंटे के मध्य परिवहन करने का प्रावधान है, परंतु लेट परिवहन होने के कारण सूखत जाना स्वभाविक है, जिसके कारण सूखत हुई है, जिसकी भरपाई प्रशासन को करनी चाहिए, दूसरा तर्क है कि धान की खरीदी पीडीएस के फटे पुराने बारदानों में कराई गई थी, जिसके कारण नुकसान खरीदी केन्द्रों में हुआ है। इसको लेकर अनुविभागीय अधिकारी गिरिश रामटेके द्वारा यह टेग लाइन निर्धारित किया गया था कि 10 अप्रैल से पहले सभी धान खरीदी केन्द्रों के समिति प्रबंधकों के द्वारा जो सूखत दिखाई गई है, उसकी राशि जमा कराने का आदेश जारी किए गए थे। इसके बाद भी समिति प्रबंधकों ने इसको गंभीरता से नहीं लिया था और अभी तक सूखत के नाम पर शासन को लाखों का चूना लगाने की जुगत लगाई जा रही है।