समीक्षा रिपोर्ट में सहभागी पब्लिक हेल्थ फाउंडेशन ऑफ इंडिया के निदेशक डॉ. शक्तिवेल सेल्वाराजी ने हालांकि स्वीकार किया है कि भारत में पांच लाख रुपये का वार्षिक स्वास्थ्य बीमा देने वाली प्रधानमंत्री आयुष्मान भारत सहित अन्य योजनाओं का जमीनी स्तर पर प्रभाव देखना अभी जल्दबाजी होगा। रिपोर्ट के अनुसार कोरोना महामारी के इस दौर में जहां भारतीय शहरों के लिए डेंगू और चिकनगुनिया जैसी बीमारियां परेशानी का कारण बनी हुई हैं।

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