सूख गई जीवन दायनी शिवनाथ नदी मचा हाहाकार
नदी से दिन रात चौबीस घंटे रेत माफिया नदी का अवैध उत्खनन कर रेती चोरी कर रहे हैं।
अंबागढ़ चौकी। गर्मी में शिवनाथ नदी के सूखने से नदी किनारे बसे गांवों में हाहाकार मच गया है। नदी में पानी नहीं होने से निस्तारी के साथ अन्य समस्याएं शुरू हो रही है। ग्रामीणों ने जलसंसाधन मंत्री से मिलकर मोंगरा बराज से शिवनाथ नदी में पानी छोड़ने की मांग की है, लेकिन अब तक पानी नहीं छोड़ा गया है। इधर खुज्जी विधायक छन्नाी साहू ने भी शिवनाथ में पानी छोड़ने की मांग की है। ताकि ग्रामीणों को निस्तारी की समस्या ना हो।
ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि रेत माफियाओं को फायदा पहुंचाने के लिए नदी में पानी नहीं छोड़ा जा रहा है। इसके चलते ब्लाक के ग्राम सांगली, केसला, सिर्राभाठा, बोईरडीह, सिरमुंदा, भनसुला, हितागुटा, ब्राम्हणलंझिया, थुहाडबरी व अन्य गांवों में निस्तारी के लिए हाहाकार मचा हुआ है। महीनेभर से इन गांवों के ग्रामीण शिवनाथ में मोंगरा बराज से पानी छोड़ने की मांग को लेकर सरकारी कार्यालय, अधिकारी व नेताओं के चक्कर कांट रहे हैं, लेकिन बराज से नदी में पानी छोडना तो दूर स्थानीय अधिकारी गांव वालों की मांग को सुनने को तैयार नहीं है।
जीवनदायिनी शिवनाथ नदी के किनारे बसे गांव के ग्रामीण गर्मी में नदी के सूख जाने से खासे परेशान है। ब्लाक में शिवनाथ के किनारे बसे ग्राम सांगली, केसला, सिर्राभाठा, बोईरडीह, सिरमुंदा, भनसुला, हितागुटा व ब्राम्हणभेडी के ग्रामीणों ने बताया कि वे सालभर नदी से ही निस्तारी करते है। लेकिन गर्मी में नदी के सूखने व चौकी में एनीकट का गेट बंद कर देने से उनके गांवों में शिवनाथ में महीनेभर से पानी नहीं है। इससे उन्हें निस्तारी के लिए भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।सैंकड़ों ग्रामीणों ने बताया कि वे महीनेभर से मोंगरा बराज से शिवनाथ नदी में पानी छोड़ने की मांग को लेकर अधिकारियो व नेताओ का चक्कर कांट रहे है, लेकिन उनकी समस्या का समाधान नहीं हो पा रहा है।
ग्रामीणों ने बताया कि वो कलक्टर, एसडीएम के अलावा जल संसाधन विभाग व मोंगरा बराज के एसडीओ, कार्यपालन अभियंता के समक्ष अपनी समस्याएं रख चुके है, लेकिन अब तक उनकी मांग पूरी नही हुई है। ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि अधिकारी उनकी समस्या का निराकरण तो दूर सीधे मुंह बात भी नही करते है।
माफियाओं को फायदा पहुंचाने नहीं छोड़ रहे पानी
शिवनाथ नदी किनारे बसे ग्राम सांगली, केसला, बोईरडीह, सिर्राभाठा, सिरमुंदा, हितागुटा, भनसुला व ब्राम्हणभेडी के ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि रेत माफिया और रेत चोरों को फायदा पहुंचानें के लिए ही मोंगरा बराज से शिवनाथ नदी में पानी नहीं छोडा जा रहा है। शिकायतकर्ता ग्रामीणों का आरोप है कि स्थानीय अधिकारियों के सरंक्षण में ही शिवनाथ नदी से दिन रात चौबीस घंटे रेत माफिया नदी का अवैध उत्खनन कर रेती चोरी कर रहे हैं।ग्रामीणों ने बताया कि राजस्व विभाग व खनिज विभाग के अधिकारियों को एक नहीं कई शिकायतों के बावजूद न तो नदी में अवैध उत्खनन रुक पाया और न ही रेत चोरो के खिलाफ कोई कार्रवाई हो पाई है। इससे रेत माफियाओ के हौसले बुंलद है। ग्रामीणों ने बताया कि रेत माफिया नदी में जेबीसी व अन्य मशीन लगाकर रेत चोरी कर रहे है और प्रशासन मूकदर्शक बनी हुई है। इससे यह स्पष्ट है कि सबकुछ अधिकारियो के ही सरंक्षण में चल रहा है।
जलसंसाधन मंत्री से भी लगाई फरियाद
शिवनाथ के सूखने से निस्तारी की समस्या का सामना कर रहे आधा दर्जन गांवों के ग्रामीण व पंचायत प्रतिनिधियों ने राजधानी रायपुर पहुंचकर जलसंसाधन मंत्री रविंद्र चौबे के समक्ष भी अपना दुखडा रोया। मंत्री से भेंट करने वाले ग्रामीणों ने बताया कि मंत्री ने उनकी समस्याओं को संवेदनशील तरीके से सुना और अपने विभागीय अधिकारियों को जांच कर मोंगरा बराज से शिवनाथ नदी में पानी छोडने का निर्देश दिया था। लेकिन मंत्री के निर्देश को एक सप्ताह से अधिक समय हो गया, उसके बाद भी बराज से शिवनाथ नदी में पानी नहीं छोडा गया है। इससे ग्रामीणों में शासन-प्रशासन के खिलाफ आक्रोश है।