राजनांदगांव-नवरात्रि पर डोंगरगढ़ में रुकेंगी 14 एक्सप्रेस गाड़ियां:2 से 10 अप्रैल तक ट्रेनों का अस्थाई स्टॉपेज;भक्तों को सुविधा देने के लिए रेलवे का फैसला
मॉ बम्लेश्वरी मंदिर, डोंगरगढ़ में चैत्र नवरात्रि पर्व पर 2 अप्रैल से 10 अप्रैल तक मेला लगने वाला है. मेले में शामिल होने और देवी दर्शन के लिए राज्य और राज्य के बाहर से लोग पहुंचते हैं. इसे ध्यान में रखते हुए दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे ने श्रद्धालुओं के लिए विशेष व्यवस्था की है.
14 गाड़ियों का डोंगरगढ़ में अस्थाई स्टॉपेज: दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे ने चैत्र नवरात्रि के अवसर पर डोंगढ़गढ़ देवी के दर्शन के लिए पहुंचने वाले यात्रियों को विशेष सुविधा देने जा रही है. डोंगढ़गढ़ मंदिर जाने वाले दर्शनार्थियों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए रेलवे प्रशासन ने गाड़ियों का अस्थायी ठहराव और मेला स्पेशल ट्रेनों की सुविधा प्रदान की है. रेलवे ने 14 एक्सप्रेस ट्रेनों का दो-दो मिनट का स्टॉपेज ( Dongargarh) दिया है. स्टॉपेज विशेष रूप से नवरात्र के लिए है. 2 अप्रैल से 10 अप्रैल तक अस्थाई स्टॉपेज की व्यवस्था की गई है. मंदिर दर्शन और यहां लगने वाले मेले में पूरे छत्तीसगढ़ के साथ ही अन्य प्रदेशों से आने वाले श्रद्धालुओं की श्रद्धा को ध्यान में रखते हुए ये निर्णय लिया गया है.
2 अप्रैल से 10 अप्रैल, 2022 तक डोंगरगढ रेलवे स्टेशन में ठहराव की सुविधा इस प्रकार है
गाड़ियों के नाम
1) 12812 हटिया-कुर्ला (हटिया एक्स.)
2) 12811 कुर्ला-हटिया (हटिया एक्स.)
3) 20813 पूरी-जोधपुर एक्सप्रेस
4) 20814 जोधपुर-पूरी एक्सप्रेस
5) 12851 बिलासपुर -चन्नई एक्सप्रेस
6) 12852 चन्नई -बिलासपुर एक्सप्रेस
7) 12849 बिलासपुर -पुणे एक्सप्रेस
8) 12850 पुणे-बिलासपुर एक्सप्रेस
9) 22827 पूरी-सूरत एक्सप्रेस
10) 22828 सूरत-पूरी एक्सप्रेस
11) 12146 पूरी-कुर्ला एक्सप्रेस
12) 12145 कुर्ला -पूरी एक्सप्रेस
13) 12152 हावड़ा-कुर्ला एक्सप्रेस
14) 12151 कुर्ला-हावड़ा एक्सप्रेस
मां बम्बलेश्वरी मंदिर छत्तीसगढ़ के प्रमुख दर्शन स्थलों में से एक हैं। यहां हर साल चैत्र नवरात्र में प्रदेशभर से भक्त पहुंचते हैं। यहां शिवजी मंदिर और भगवान हनुमान को समर्पित मंदिर भी हैं। जिनके लोग दर्शन करते हैं। हालांकि पिछले 2 सालों से कोरोना की वजह से यहां भक्त नहीं पहुंच पा रहे थे। मगर इस बार बड़ी संख्या में लोगों के पहुंचने की उम्मीद है। प्रदेशभर के अलावा देशभर से भी लोग यहां पहुंचते हैं।