28 वार्ड ठेके पर समझ से परे, तीन महीने आगे बढ़ा ठेका, निगम के पास शहर में सफाई व्यवस्था के लिये 140 कर्मचारी है
राजनांदगांव. शहर की सफाई व्यवस्था चौपट है.. उसकी मॉनिटरिंग नहीं हो पा रही है. नगर निगम अपने नियमित कर्मचारियों को समय पर वेतन देने में असमर्थ है. दूसरी तरफ खुद पार्षद अपने करीबी लोगो के नाम पर ठेका लेकर चांदी काट रहे हैं. भुगतान के आंकड़ों पर नजर डाली जाए तो हर साल तकरीबन 4 करोड़ रुपए से अधिक का पेमेंट इन नेताओं और उनके सगे-संबंधियों को किया जा रहा हैं.
शहर के 28 वार्ड ठेके पर चल रहे हैं, इनकी क्या आवश्यकता है ये समझ से परे हैं. क्योंकि इन वार्डों में निगम प्रशाासन वैकल्पिक व्यवस्था कर कर्मचारियों से सफाई का काम ले सकता है, जैसे ठेका न देकर संविदा में कर्मचारियों को रखा जा सकता है. लेकिन उस पर मंथन करने की बजाए नेताओं और करीबियों को करोड़ों रुपए का भुगतान कर उनकी कमाई लाखों में कराई जा रही है.
निगम अधिकारियों ने बताया कि वित्तीय वर्ष समाप्त होते ही अप्रैल से नया ठेका हो जाना चाहिए. लेकिन इस बाद उसे तीन माह के लिए आगे बढ़ा दिया गया है. मतलब जून माह में अब नया ठेका के लिए टेंडर कराया जाएगा. बताया गया कि इस बार ठेका वार्डों में बढ़ोतरी की जा सकती है.
नगर निगम के पास सफाई व्यवस्था को सुचारू रूप से चलाने के लिए लगभग 140 कर्मचारी है. जिन्हें वेतन दिया जाता है. दूसरी तरफ 28 वार्ड ठेके पर चल रहे हैँ. हरेक वार्ड में 9 से लेकर 13 तक ठेकेदार के कर्मचारी काम कर रहे हैं. मतलब इन वार्डों में ओसतन 10 कर्मचारी काम कर रहे हैं तो 280 के करीब का भुगतान ठेकेदार बने नेता और उनके करीबियों को किया जा रहा है.
राजनीति में एक-दूसरे के प्रतिद्धंदि माने जाने वाली भाजपा और कांग्रेस की सफाई ठेकों में सांठगांठ देखते ही बनती है. पूरे भाईचारे के साथ निगम की सत्ता में रहने वाली पार्टी अपने विपक्षी नेताओं को मैनेज करने के लिए तीन से चार वार्डों के ठेके बिना कांपिटिशन के उन्हें दे दिया करती है. अभी भी ऐसा ही चल रह है. इस कारण भाजपा पार्षद भी निगम में चुप्पी साधे बैठी है.