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छत्तीसगढ़: शंकर भगवान की हुई पेशी, उन्हें भी मिली अगली तारीख

रायगढ़. छत्तीसगढ़ के रायगढ़ में एक मामले में तहसील कोर्ट ने पहले तो 10 लोगों समेत भगवान शिव को नोटिस जारी कर कोर्ट तलब किया. इतना ही नहीं उपस्थित न होने पर जुर्माना सहित बेदखली की चेतावनी दी गई. इसके बाद 25 मार्च को तहसील कार्यालय रायगढ़ में भगवान शिव सहित दर्जनों लोग पेशी में उपस्थित हुए लेकिन भगवान शिव को पेशी के लिए अगली तिथि दी गई. क्योंकि पीठासीन अधिकारी अन्य शासकीय कार्यों में व्यस्त थे. सुनने में यह बात उटपटांग जरूर लगती है, लेकिन हकीकत यही है.

मामला रायगढ़ नगर निगम वार्ड न 25 के अंतर्गत कौहाकुंडा क्षेत्र का है, जहां विगत दिनों नायब तहसीलदार रायगढ़ के द्वारा सरकारी जमीन और तालाब में कब्जे को लेकर 10 लोगों को नोटिस जारी किया था, जिसमे भगवान शिव का भी नाम शामिल था. इतना ही नहीं तहसील कार्यालय के नोटिस में भगवान शिव सहित सभी को चेतावनी भी दी गई थी कि सुनवाई में नहीं आने पर 10 हजार का जुर्माना और कब्जे से बेदखल किया जा सकता है.

अवैध कब्जे को लेकर अदालत में याचिका दायर
दरअसल, रायगढ़ में अवैध कब्जे और निर्माण को लेकर हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई है। रायगढ़ तहसील कोर्ट ने 23 से 24 फरवरी और 2 मार्च को सीमांकन दल गठित कर कौहाकुंडा गांव में जांच कराई थी। कई लोगों के पास अवैध कब्जे मिले थे। इसके बाद कोर्ट की ओर से 10 लोगों को नोटिस जारी किया गया। तय तारीख पर कोर्ट में हाजिर न होने पर 10 हजार रुपये जुर्माना लगाने के साथ ही उन्हें बेदखल करने की चेतावनी दी गई। साथ ही निर्माण पर भी रोक लगा दी गई।

इस मामले में शुक्रवार को सुनवाई की तारीख तय की गई थी। कोर्ट की ओर से जिन 10 लोगों को नोटिस दिया गया, उसमें कोहाकुंडा के वार्ड 25 में बना शिव मंदिर भी शामिल था। किसी पुजारी का नाम नहीं होने के कारण सीधे शिव मंदिर को ही नोटिस जारी कर दिया गया। चूंकि नोटिस में प्रतिवादी के हाजिर नहीं होने पर 10 हजार रुपये जुर्माना लगाने की बात कही गई थी, इसलिए स्थानीय लोगों ने शिवलिंग को ही मंदिर से उखाड़ लिया और ट्रॉली पर उसे रखकर कोर्ट पहुंच गए। लेकिन कोर्ट पहुंचे तो बाहर नोटिस लगा हुआ था कि पीठासीन अधिकारी किसी अन्य राजस्व कार्य में व्यस्त हैं, इसके चलते मामले की अगली सुनवाई के लिए 13 अप्रैल की तारीख निर्धारित कर दी गई।  

कब्जाधारियों में है शिव मंदिर का नाम
बता दें कि नायब तहसीलदार के द्वारा जो 10 कब्ज़ा धारियों को नोटिस जारी किया गया था, उसमे छठवें नंबर पर शिव मंदिर का नाम है. जबकि यह शिव मंदिर सार्वजनिक है. नोटिस में मंदिर के ट्रस्टी, प्रबंधक या पुजारी को संबोधित नहीं किया गया है. बल्कि सीधे शिव भगवान को ही नोटिस जारी किया गया था. आज पेशी की तिथि पर वार्ड पार्षद सपना सिदार सहित दर्जनों लोग शिव मंदिर के शिवलिंग को लेकर पेशी में पहुंच गए. तहसीलदार के चेंबर के बहार सुचना चस्पा कर दिया गया की पीठासीन अधिकारी किसी अन्य शासकीय कार्यो में व्यस्त है।सुनवाई अब अगली तारीख 13 अप्रैल 2022 को होगी. हालांकि पूरे मामले में जवाबदार अधिकारी ने शासकीय कार्य मे बाहर होने की बात कह कुछ भी कहने से मना कर दिया है. इस मामले की चर्चा पूरे प्रदेश में हो रही है.

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