अंदरूनी ईलाके के गांवों में वनाधिकार पट्टे देने गंभीरता से पहल करें- कलेक्टर वर्मा
दन्तेवाड़ा– जिले के अंदरूनी ईलाके के गांवों में 13 दिसम्बर 2005 से पूर्व राजस्व या वनभूमि में काबिज काश्त करने वाले पात्र हितग्राहियों को वनाधिकार मान्यता पत्र प्रदान करने के लिए गंभीरता के साथ पहल किया जाये। इस दिशा में काबिज काश्त भूमि का सर्वेक्षण करने सहित ग्राम स्तरीय समिति के जरिये भौतिक सत्यापन किया जाये। वहीं पात्र हितग्राहियों से आवेदन पत्र प्राप्त कर अनुशंसा के साथ प्रस्तुत किया जाये। जिले में मनरेगा के रोजगारमूलक कार्यों को नियमित रूप से संचालित कर अधिकाधिक पंजीकृत जॉब कार्डधारी परिवारों को रोजगार उपलब्ध कराया जाये। वर्तमान में लॉकडाउन के दौरान प्रवासी श्रमिकों को रोजगार की उपलब्धता हेतु सर्वोच्च प्राथमिकता दिया जाये। उक्त निर्देश कलेक्टर री टोपेश्वर वर्मा ने जिला पंचायत सभाकक्ष में पंचायत सविचों की बैठक के दौरान दिया। बैठक में डीएफओ संदीप बलगा, सीईओ जिला पंचायत री सच्चिदानंद आलोक सहित कार्यपालन अभियंता ग्रामीण यांत्रिकी सेवा श्री एचएन दुबे, कार्यपालन अभियंता जल संसाधन शंकर ठाकुर और कृषि, उद्यानिकी, मत्स्यपालन, पशुपालन विभागों के जिला स्तरीय अधिकारी तथा जिले में पदस्थ सीईओ जनपद पंचायत एवं सभी पंचायत सचिव मौजूद थे।
कलेक्टर टोपेश्वर वर्मा ने बैठक के दौरान जिले में मनरेगा के तहत संचालित रोजगारमूलक कार्य, संलग्न श्रमिक, मजदूरी भुगतान ईत्यादि की विस्तृत जानकारी ली और निर्देशित किया कि सभी ग्राम पंचायतों में आगामी 15 जून तक रोजगारमूलक कार्यों को नियमित रूप से संचालित किया जाये। इन रोजगारमूलक कार्यों के माध्यम से ज्यादा से ज्यादा पंजीकृत परिवारों को रोजगार उपलब्ध कराया जाये। वर्तमान में कोविड-19 के मद्देनजर लॉकडाउन के दौरान अन्य राज्यों से वापस आये प्रवासी श्रमिक जो 14 दिवस का निर्धारित क्वारनटाईन अवधि पूर कर घर जा चुके हैं, इन प्रवासी श्रमिकों को रोजगार उपलब्ध कराने के लिए सर्वोच्च वरीयता दी जाये। ऐसे प्रवासी श्रमिक जिनका जॉब कार्ड नहीं है, उनका पंजीयन कर जॉब कार्ड प्रदान किया जाये तथा उन्हें रोजगार की सुलभता सुनिश्चित किया जाये। कलेक्टर वर्मा ने रोजगारमूलक कार्यों के संचालन के दौरान कोविड-19 के संक्रमण की रोकथाम एवं नियंत्रण हेतु सोशल डिस्टेंस का पालन करने सहित मास्क का उपयोग, हाथ धुलाई, पेयजल की व्यवस्था ईत्यादि सुनिश्चित करने कहा। उन्होंने लॉकडाउन के दौरान अत्यंत जरूरतमंद लोगों को ग्राम पंचायत से निःशुल्क चावल एवं राशन सामग्री प्रदान किये जाने का निर्देश दिया। कलेक्टर वर्मा ने जिले के वनाधिकार पट्टे प्रदान नहीं किये जाने वाले गांवों के बारे में जानकारी ली और निर्देशित किया कि इन गांवों में राजस्व तथा वनभूमि पर 13 दिसम्बर 2005 के पूर्व काबिज काश्त भूमि का सर्वेक्षण सर्वप्रथम किया जाये तथा ग्राम स्तरीय समिति के माध्यम से भौतिक सत्यापन कराया जाये। वहीं सम्बन्धित पात्र हितग्राहियों से आवेदन पत्र प्राप्त कर अनुशंसा सहित प्रस्तुत किया जाये। कलेक्टर श्री वर्मा ने गरीबी उन्मूलन अभियान की समीक्षा करते हुए कहा कि इस दिशा में भूमिहीन परिवारों को सबसे पहले चयन कर उन्हें आर्थिक गतिविधियां संचालित करने प्रोत्साहित कर सहायता सुलभ कराया जाये। वहीं 5 एकड़ तक के कृषि भूमि वाले परिवारों को खेती-किसानी से सम्बन्धित गतिविधियों के लिए मदद दी जाये। इस हेतु उक्त परिवारों का आर्थिक विकास करने लक्ष्य निर्धारित कर कार्ययोजना तैयार किया जाये। गरीबी उन्मूलन अभियान के तहत खेती-किसानी, पशुपालन, कुक्कुटपालन, बकरीपालन, मछलीपालन, साग-सब्जी उत्पादन, वनोपज संग्रहण एवं प्रसंस्करण ईत्यादि स्थानीय संसाधनों पर आधारित जीविकोपार्जन साधनों को प्राथमिकता दिया जाये। कलेक्टर श्री वर्मा ने खरीफ सीजन में दलहन-तिलहन फसल को बढ़ावा देने पर बल देते हुए कहा कि इन फसलों के रकबा का विस्तार करने किसानों को प्रोत्साहित किया जाये और उन्हें उन्नत बीज सहित अन्य कृषि आदान सामग्री की उपलब्धता सुनिश्चित किया जाये। बैठक में डीएफओ संदीप बलगा ने वर्तमान में महिला समूहों द्वारा खरीदे गये आंटी इमली से फूल इमली बनाने हेतु रोजगार उपलब्धता पर ध्यान केन्द्रीत करते कहा कि यह घर बैठे रोजगार है, इसे बुजुर्ग भी घर में कर सकते हैं। जिससे अच्छी आमदनी प्राप्त होगी। जिले के कोल्ड स्टोरेज में दन्तेवाड़ा जिले सहित बीजापुर एवं सुकमा जिले का करीब 20 हजार क्विंटल आंटी इमली भंडारित है जिसका प्रसंस्करण किया जाना है। उन्होंने इस कार्य में संलग्न महिला समूहों को ग्रामीण ईलाके में खाली पड़े पंचायत भवन, स्कूल भवन के परिसरों का उपयोग करने हेतु मुहैया कराये जाने कहा। वहीं वनाधिकार पट्टे प्रदाय हेतु सवेक्षण कार्य को अतिशीघ्र शुरू करने कहा। बैठक के दौरान अवगत करायाा गया कि जिले में वर्तमान में मनरेगा के तहत कुल 477 रोजगामूलक कार्य संचालित हैं, जिसमें 21 हजार 276 श्रमिक संलग्न हैं। इन रोजगारमूलक कार्यों में तालाब निर्माण, डबरी निर्माण, तालाब गहरीकरण, भूमि समतलीकरण, आवर्ती चारागाह ईत्यादि कार्य सम्मिलित हैं। इन रोजगारमूलक कार्यों में संलग्न श्रमिकों को नियमित रूप से साप्ताहिक मजदूरी भुगतान किया जा रहा है। बैठक में 14वें वित्त आयोग तथा मूलभूत मद के कार्यों सहित उचित मूल्य दुकानों में चांवल एवं अन्य जरूरी सामग्रियों का भण्डारण, सामाजिक सहायता कार्यक्रम के तहत पेंशन वितरण ईत्यादि की विस्तृत समीक्षा की गयी।