संसदीय प्रणाली में जनता के वास्तविक हितों का प्रतिनिधित्व करती है संसद- डॉ नागरत्ना गणवीर
राजनांदगांव, शासकीय दिग्विजय महाविद्यालय के राजनीति विज्ञान विभाग में प्राचार्य डॉक्टर के. एल. टांडेकर के मार्गदर्शन एवम विभागाध्यक्ष डॉ अंजना ठाकुर के कुशल निर्देशन में ऑनलाइन अतिथि व्याख्यान का आयोजन किया गया। इस द्वितीय अतिथि व्यख्यान में विषय विशेषज्ञ के रूप में डॉक्टर नागरत्ना गणवीर, सहायक प्राध्यापक, राजनीति विज्ञान, शासकीय विज्ञान महाविद्यालय,राजनंदगांव ने भारतीय राजनीति में संसदीय शासन प्रणाली की अवधारणा पर विशेष व्याख्यान दिया। उन्होंने संसदीय प्रणाली की अवधारणा को स्पष्ट करते हुए उसकी विशेषताओं की चर्चा की साथ उन्होंने इस बात का उल्लेख भी किया कि स्वतंत्रता के पश्चात भारतीय संविधान सभा ने भारत में किस प्रकार की शासन पद्धति को लागू किया जाए इस पर गंभीर रूप से चर्चा की तथा संसदीय शासन प्रणाली को अपनाने का अंतिम निर्णय लिया गया क्योंकि वास्तव में यही प्रणाली जनता के हितों का व्यवहारिक रूप से प्रतिनिधित्व करती है। उन्होंने भारीतय संविधान के विभिन्न अनुच्छेदों का उल्लेख करते हुए भारतीय शासन प्रणाली में संसद की भूमिका का वर्णन किया। व्यख्यान के दौरान उन्होंने छात्रों से भारत की चुनावी प्रक्रिया में बढ़ चढ़कर हिस्सा लेने एवं भारतीय राजनीति को नई दिशा देने के लिए युवाओं की जिम्मेदारी की भी चर्चा की। व्यख्यान की शरुआत प्रचार्य के उदबोधन से हुई। स्वागत भाषण विभागाध्यक्ष डॉ अंजना ठाकुर ने दियाय,कार्यक्रम का संचालन प्रो.संजय सप्तर्षि ने तथा धन्यवाद ज्ञापन नव पदस्थ सहायक प्राध्यापक प्रो. हेमन्त नंदगौरी ने किया। उक्त अवसर पर स्नातक एवम स्नातकोत्तर के विद्यार्थी ऑनलाइन जुड़े रहे।