सिक्का डालने के बाद भी पानी नसीब नहीं
शहरवासियों को शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने के उद्देश्य से शहर सात स्थानों में एटीएम मशीन स्थापित किया गया था। लेकिन यहीं वाटर एटीएम अब लोगों के लिए परेशानी बन गया है। सिक्का डालने के बाद भी वाटर एटीएम पानी नहीं उगल रहा है। मजबूरन लोगों को अधिक कीमत में पानी बाटल खरीदना पड़ रहा है। एक मशीन की कीमत करीब 12 लाख रुपये है। नगर निगम मशीन लगाने व मेंटेनेंस के नाम पर करोड़ों रुपये फूंक चुका है। एटीएम मशीन शो-पीस साबित हो रहीं हैं। शुरु में वाटर एटीएम मशीन ठीक चली। इसके बाद खराबी आनी शुरू हो गई। वाटर एटीएम को सुधरवाने निगम के अफसरों ने भी अपने हाथ पीछे खींच लिए हैं। शहर के जिला कार्यालय, नया बस स्टैंड, नगर निगम, जिला अस्पताल, चौपाटी के सामने वाटर एटीएम लगाया गया है, जो लंबे समय से बंद पड़ा है। गर्मी के दिनों में राह चलते लोगों को शुद्ध पेयजल के लिए भटकना पड़ता है। निगम द्वारा एक रूपये में एक लीटर शुद्ध पेय जल देने का जो वादा किया था, वह अब कागजों में ही सिमट कर रह गया है। वाटर एटीएम से पानी नहीं आने के कारण लोग मजबूरन अधिक पैसों में पानी की बाटल खरीदकर पीने को मजबूर हैं। वाटर एटीएम को लगाने पहले निगम के अफसरों ने तत्परता दिखाई। शुरुआती दिनों में वाटर एटीएम ठीक चला। फिर कुछ दिनों बाद खराबी आनी शुरू हो गई। इसके बाद निगम के अफसरों ने इस ओर झांकना तक मुनासिब नहीं समझा। निगम द्वारा एक रूपये में एक लीटर शुद्ध पेय जल देने का जो वादा किया था, वह अब कागजों में ही सिमट कर रह गया है। वाटर एटीएम से पानी नहीं आने के कारण लोग मजबूरन अधिक पैसों में पानी की बाटल खरीदकर पीने को मजबूर हैं।