पीएम मोदी ने डिफेंस की 7 नई कंपनियां राष्ट्र को कीं समर्पित
नई दिल्ली. विजयादशमी के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश को सात डिफेंस कंपनियां समर्पित कीं. इस संदर्भ में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) भी मौजूद थे. सात कंपनियों के उद्घाटन के बाद पीएम ने एक संबोधन में कहा कि इस वर्ष भारत ने अपनी आजादी के 75वें साल में प्रवेश किया है. आज़ादी के इस अमृतकाल में देश एक नए भविष्य के निर्माण के लिए नए संकल्प ले रहा है और जो काम दशकों से अटके थे, उन्हें पूरा भी कर रहा है. उन्होंने कहा कि 41 ऑर्डिनेन्स फैक्ट्रीज़ को नए स्वरूप में किए जाने का निर्णय, 7 नई कंपनियों की ये शुरुआत, देश की इसी संकल्प यात्रा का हिस्सा हैं. ये निर्णय पिछले 15-20 साल से लटका हुआ था. मुझे पूरा भरोसा है कि ये सभी सात कंपनियां आने वाले समय में भारत की सैन्य ताकत का एक बड़ा आधार बनेंगी.
प्रधानमंत्री ने कहा कि विश्व युद्ध के समय भारत की ऑर्डिनेन्स फैक्ट्रीज़ का दम-खम दुनिया ने देखा है. हमारे पास बेहतर संसाधन होते थे, वर्ल्ड क्लास स्किल होता था. आज़ादी के बाद हमें जरूरत थी इन फैक्ट्रीज़ को अपग्रेड करने की, न्यू एज टेक्नोलॉजी को अपनाने की. लेकिन इस पर बहुत ध्यान नहीं दिया गया. उन्होंने कहा कि आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत देश का लक्ष्य भारत को अपने दम पर दुनिया की बड़ी सैन्य ताकत बनाने का है, भारत में आधुनिक सैन्य इंडस्ट्री के विकास का है. पिछले सात वर्षों में देश ने ‘मेक इन इंडिया’ के मंत्र के साथ अपने इस संकल्प को आगे बढ़ाने का काम किया है.
पीएम बोले- सिंगल विंडो सिस्टम की व्यवस्था की गई
मोदी ने कहा कि आज देश के डिफेंस सेक्टर में जितनी पारदर्शिता है, विश्वास है और प्रौद्योगिकी संचालित दृष्टिकोण है, उतना पहले कभी नहीं रहा. आज़ादी के बाद पहली बार हमारे डिफेंस सेक्टर में इतने बड़े बदलाव हो रहे हैं, अटकाने-लटकाने वाली नीतियों की जगह सिंगल विंडो सिस्टम की व्यवस्था की गई है.
पीएम ने कहा कि कुछ समय पहले ही रक्षा मंत्रालय ने ऐसे 100 से ज्यादा सामरिक उपकरणों की लिस्ट जारी की थी जिन्हें अब बाहर से आयात नहीं किया जाएगा. इन नई कंपनियों के लिए भी देश ने अभी से ही 65 हजार करोड़ रुपये के ऑर्डर प्लेस किए हैं. ये हमारी डिफेंस इंडस्ट्री में देश के विश्वास को दिखाता है. उन्होंने कहा कि मैं देश के स्टार्टअप्स से भी कहूंगा, इन 7 कंपनियों के जरिए आज देश ने जो नई शुरुआत की है, आप भी इसका हिस्सा बनिए. आपकी रिसर्च, आपके प्रॉडक्ट्स कैसे इन कंपनियों के साथ मिलकर एक-दूसरे की क्षमताओं से लाभान्वित हो सकते हैं, इस ओर आपको सोचना चाहिए.