गणपति बप्पा के रंग में रंगी संस्कारधानी
राजनांदगांव। भगवान श्रीगणेश की स्थापना होने के बाद संस्कारधानी राजनांदगांव में 11 दिवसीय उत्सव शुरू हो गया है। शहर में भक्तिमय वातावरण है। हर तरफ गणपति बप्पा मोरया…की गूंज है।संस्कारधानी की वर्षों से पुरानी परंपरा को एसआरसी युवा गणेश उत्सव समिति श्रीराम कालोनी के तत्वावधान में इस साल भी उत्सव के उल्लास को जीवंत किया गया है। समिति के उल्लास व भक्ति भाव के साथ गजानन की स्थापना की है। यहां हर सुबह और संध्या वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ श्री गणेश की पूजा हो रही है। जयकारों की ध्वनि से वातावरण गुंजायमान है। समिति के सदस्य धर्मेंद्र चौहान कहते हैं। हमें उत्सव के पीछे छिपे भाव को भी समझने की जरूरत है। हम गणेश जी की आरती करते हैं, किंतु कभी हमने सोचा है कि उसमें छोटे-छोटे जीवन मंत्र समाहित हैं। यदि हम गणपति के इन्हीं संदेशों को समझकर त्यौहार मनाएंगे तो इससे समूची मानवता का भला होगा।
उन्होंने कहा कि भगवान गणेश को बुद्धि, समृद्धि और सौभाग्य के देवता के रूप में पूजा जाता है। यह मान्यता है कि भाद्रपद माह में शुक्ल पक्ष के दौरान भगवान गणेश का जन्म हुआ था। इस पर्व को हर उम्र के लोग बडे घूमधाम से मनाया जाता है। इस गणेश उत्सव में श्री गणेश के दर्शन पाने के लिए आने वाले श्रद्धालुओं के लिए समिति के सदस्य धर्मेंद्र चौहान, दिनेश जतरे, रोशन साहू, मनीष कुंभलकर, विनोद कावड़े, यकपाल सिंह चौहान, अजय रामटेके, प्रीतम देवांगन, प्रदीप प्रसाद, आरके बर्मन, आशीष चक्रवती, तनिश पांडे, सद्दल पात्रों, शुभी मिश्रा, सूरज व नेमुशंकर यादव ने आदर्श व्यवस्था बनाई हुई है।