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छत्तीसगढ़राजनांदगांव जिला

एक हजार एलपीएम के दो प्लांट व 1200 सिलेंडर राेजाना की क्षमता से ऑक्सीजन का होगा उत्पादन

कोरोना की पहली और दूसरी लहर के दौरान राजनांदगांव जिला प्रदेश के सर्वाधिक कोरोना प्रभावित जिलों में से एक रहा है। कोरोना की दूसरी लहर के दौरान जिले में बड़ी संख्या में कोरोना पॉजिटिव मरीज मिलने से जिले में कोरोना का इलाज करने वाले सभी शासकीय अस्पतालों और प्राइवेट अस्पतालों तथा क्वारेंटाइन सेंटर में बेड भी उपलब्ध नहीं हो पा रहे थे। जिले में गंभीर मरीजों की संख्या बढ़ने से ऑक्सीजन सिलेंडर की मांग भी बढ़ गई थी। तीसरी लहर की आशंका को ध्यान में रखकर व्यापक स्तर पर कोविड प्रबंधन के लिए जिला प्रशासन के द्वारा सभी स्तर पर कार्य किए जा रहे हैं।

जिले के शासकीय अस्पतालों में तेजी से ऑक्सीजन जनरेशन प्लांट की स्थापना, ऑक्सीजन पाइपलाइन लगाने, आवश्यक उपकरणों की उपलब्धता करने, चिकित्सकीय अमले के प्रशिक्षण कार्य, कोविड वैक्सीनेशन और सैंपल जांच के संबंध में पूरी तरह से जिम्मेदारीपूर्वक कार्य किया जा रहा है। जिले के लोगों के कोविड वैक्सिनेशन के लिए तो विशेष रूप से सुरक्षित टीका सुरक्षित परिवार अभियान चलाकर सप्ताह में टीकावार दिवस निर्धारित कर एवं अन्य कार्यक्रम चलाकर वैक्सिनेशन को बढ़ावा दिया जा रहा है और आगामी एक-दो माह में जिले में कोविड-19 के संभावित तृतीय लहर को ध्यान में रखकर लगभग सभी तैयारी पूर्ण कर ली जाएगी।

मेनीफोल्ड पैनल भी तैयार किया गया है।

मेनीफोल्ड पैनल भी तैयार किया गया है।

इन अस्पतालों में भी बढ़ाई सुविधा
अब तक शासकीय मेडिकल कॉलेज पेंड्री में 520 बेड, जिला अस्पताल बसंतपुर के 100 बिस्तर, मातृ एवं शिशु अस्पताल भवन में 100 बेड, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र मानपुर में 20 बिस्तर, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र मोहला में 30 बिस्तर, अंबागढ़ चौकी में 30 बिस्तर, डोंगरगांव में 40 बिस्तर, छुरिया में 30 बिस्तर, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र सोमनी में 50 बिस्तर, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र गंडई में 30 बिस्तर, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र छुईखदान में 30 बिस्तर, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र खैरागढ़ में 30 बिस्तर के लिए ऑक्सीजन पाइपलाइन लगाने का कार्य पूर्ण हो गया है।

शासकीय अस्पतालों में प्लांट की स्थापना हो रही
जिले के शासकीय अस्पतालों में ऑक्सीजन सप्लाई की कमी को पूरी करने के लिए जिले चिह्नांकित अस्पतालों में ऑक्सीजन जनरेशन प्लांट की भी स्थापना की जा रही है। इसके लिए मेडिकल कॉलेज पेंड्री में कोविड-19 द्वितीय लहर के दौरान स्थापित 800 एल पीएम के ऑक्सीजन प्लांट के अतिरिक्त 1000-1000 एल पीएम के दो ऑक्सीजन प्लांट तथा 1200 सिलेंडर प्रतिदिन की क्षमता से ऑक्सीजन उत्पादन करने वाला एक विशेष लिक्विड ऑक्सीजन प्लांट भी स्थापित किया जा रहा है। ऑक्सीजन शेड का निर्माण और जनरेटर सेट की उपलब्धता कर ली गई है और ऑक्सीजन प्लांट मशीन भी शासकीय मेडिकल कॉलेज पेंड्री पहुंच चुका है। इसके साथ ही जिला अस्पताल बसंतपुर में 1000 एल पीएम तथा 800 एल पीएम के दो ऑक्सीजन प्लांट स्थापित किए जा रहे हैं। इसके लिए ऑक्सीजन शेड बनाने का कार्य इसी माह पूर्ण कर लिया जाएगा।

ऑक्सीजन शेड स्थापित
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मानपुर, डोंगरगांव एवं सोमनी में भी 250-250 एलपीएम के एक-एक ऑक्सीजन प्लांट की स्थापना की जानी है। इसके लिए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र डोंगरगांव में ऑक्सीजन शेड और जनरेटर सेट की स्थापना कर ली गई है। इसी सप्ताह ऑक्सीजन प्लांट मशीन भी डोंगरगांव अस्पताल पहुंचने की संभावना है। इसके अलावा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सोमनी एवं सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मानपुर में छत्तीसगढ़ मेडिकल सर्विसेज कार्पोरेशन लिमिटेड द्वारा ऑक्सीजन शेड निर्माण का कार्य प्रारंभ कर लिया गया है। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मानपुर एवं सोमनी में ऑक्सीजन प्लांट मशीन भी पहुंच चुकी है।

59 वेंटिलेटर की व्यवस्था
जिले में अति गंभीर मरीजों के उपचार के लिए मेडिकल कॉलेज पेंड्री में 59 वेंटिलेटर एवं सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र मानपुर में तीन वेंटीलेटर उपलब्ध हैं। इसके अतिरिक्त जिले के प्रमुख सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में 8 ई-पेप मिनी वेंटिलेटर मशीन भी उपलब्ध कराए गए हैं। जिले के शासकीय मेडिकल कॉलेज में 200 जम्बो ऑक्सीजन सिलेंडर, 40 स्माल ऑक्सीजन सिलेंडर एवं जिला अस्पताल बसंतपुर में 52 जम्बो ऑक्सीजन सिलेंडर व 6 स्माल ऑक्सीजन सिलेंडर व अन्य सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों एवं प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में कुल 375 जम्बो ऑक्सीजन सिलेंडर व 400 से ज्यादा स्माल ऑक्सीजन सिलेंडर व 397 ऑक्सीजन कंसंट्रेटर उपलब्ध है।

बच्चों के लिए अतिरिक्त 10 बेड पीडियाट्रिक आईसीयू
जिले के अस्पतालों में निर्माणाधीन कार्य को जल्द से जल्द पूरा कराया जा रहा है। इसके साथ ही शासकीय मेडिकल कॉलेज पेंड्री में बच्चो के लिए अतिरिक्त 10 बिस्तर पीडियाट्रिक आईसीयू, 5 बिस्तर नवजात शिशु आईसीयू तथा 100 बिस्तर आइसोलेशन वार्ड की स्थापना का भी कार्य प्रक्रियाधीन है। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के माध्यम से शासकीय मेडिकल कॉलेज पेंड्री में ही 100 बिस्तर प्री-फेब्रिकेटेड वार्ड तथा जिले के 6 चिह्नांकित सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों में 20-20 बिस्तर एवं 9 प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों तथा 35 चिह्नांकित उप स्वास्थ्य केन्द्रों में 6-6 बिस्तर का प्री-फेब्रिकेटेड वार्ड भी आगामी तीन माह में बनाने तैयार किये जाने का लक्ष्य रखा गया है।

बच्चों के लिए अतिरिक्त 10 बेड पीडियाट्रिक आईसीयू
जिले के अस्पतालों में निर्माणाधीन कार्य को जल्द से जल्द पूरा कराया जा रहा है। इसके साथ ही शासकीय मेडिकल कॉलेज पेंड्री में बच्चो के लिए अतिरिक्त 10 बिस्तर पीडियाट्रिक आईसीयू, 5 बिस्तर नवजात शिशु आईसीयू तथा 100 बिस्तर आइसोलेशन वार्ड की स्थापना का भी कार्य प्रक्रियाधीन है। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के माध्यम से शासकीय मेडिकल कॉलेज पेंड्री में ही 100 बिस्तर प्री-फेब्रिकेटेड वार्ड तथा जिले के 6 चिह्नांकित सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों में 20-20 बिस्तर एवं 9 प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों तथा 35 चिह्नांकित उप स्वास्थ्य केन्द्रों में 6-6 बिस्तर का प्री-फेब्रिकेटेड वार्ड भी आगामी तीन माह में बनाने तैयार किये जाने का लक्ष्य रखा गया है।

सोमनी में 60 बिस्तर पर ऑक्सीजन की सुविधा
इसके साथ ही मार्डन कॉलेज कोविड केयर सेंटर सोमनी में 60 बिस्तर पर ऑक्सीजन पाइपलाइन लगाई गई है। जल्द ही इसी सप्ताह सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र घुमका में भी 20 बिस्तर ऑक्सीजन पाइपलाइन लगाई जाएगी। इस प्रकार माह सितम्बर के प्रथम सप्ताह तक जिले के शासकीय अस्पतालों में कुल 970 बिस्तरों के लिए पाइपलाइन के माध्यम से ऑक्सीजन सुविधा उपलब्ध कराने की तैयारी कर ली गई है जो अब कोविड-19 की द्वितीय लहर के दौरान उपलब्ध ऑक्सीजन पाइपलाइन सुविधा से तीन गुना से भी ज्यादा है।

तीसरी लहर की आशंका प्रशासन पूरी तरह सजग
कोविड-19 की तीसरी लहर की आशंका को ध्यान में रखकर जिला प्रशासन द्वारा जिले में शासकीय मेडिकल कॉलेज अस्पताल, जिला अस्पताल, जिले के समस्त सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों तथा चिह्नांकित प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों और उप स्वास्थ्य केन्द्रों में कोरोना मरीजों के इलाज के लिए आवश्यक तैयारी किए जाने का निर्णय लिया गया है। जिले में कोरोना के संक्रमण से बचाव और उपचार के समुचित प्रबंधन के लिए जिला प्रशासन पूरी तरह से सजग है।
-तारन प्रकाश सिन्हा, कलेक्टर

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