डोंगरगढ़ । धर्मनगरी में गोविंदोत्सव महापर्व का शताब्दी वर्ष मनाने के बाद दो साल से कोरोना के चलते गोविंदोत्सव फीका पड़ गया है। वैक्सीनेशन के बाद इस साल आयोजन में छूट मिलनें की उम्मीद थी। लेकिन प्रशासन ने साफ कर दिया है कि गोविंदोत्सव पर सिर्फ भगवान श्रीकृष्ण का डोला निकलेगा, जो शहर भ्रमण करतें हुए वापस महावीर मंदिर में समापन होगा। अलग-अलग स्थानों में होनें वाले दही हांडी के आयोजन लगातार दूसरे साल भी नहीं होंगे। जिला प्रशासन द्वारा गाइड लाइन जारी होने के बाद डोंगरगढ़ थाना में शांति समिति की बैठक हुई। गोविंदोत्सव के लिए गाइडलाइन जारी करतें हुए साफ कहा है कि डीजे बजानें व दही हांडी लूट कराने की अनुमति नहीं होगी। इसलिए पीएचई विभाग को भी दही हांडी के लिए पोल नहीं देनें के निर्देश दिए गए है। सिर्फ डोला निकालनें की अनुमति दी गई है। किसी तरह के अन्य आयोजन नहीं होंगे। केवल भक्ति संगीत गाने की अनुमति होगी गोविंदा उत्सव मे कोरोना गाइडलाइन एवं शांति व्यवस्था बनाए रखने के निर्देश दिए गए है। बैठक में अनुविभागीय अधिकारी अविनाश भोई, एसडीओपी चंद्रेश ठाकुर, थाना प्रभारी अलेक्जेंडर किरो, अनिल गटटानी मौजूद रहे।
दो वर्ष में बदल गया महापर्व 2018 में गोविंदोत्सव के 100 साल पूरा होनें पर शताब्दी वर्ष मनाया गया। लेकिन 102 व 103 वें वर्ष में कोरोना का कहर जारी है। पिछलें साल कोरोना की पहली लहर के चलते जन्माष्टमी व गोविंदा पर महावीर मंदिर में पूजा करने की अनुमति थी तथा डोला मंदिर परिसर में ही घूमकर समाप्त कर दिया गया। शहर में कोरोना दहशत के चलते किसी भी जगह पर दही हांडी लूट नहीं हुई। पिछले साल से स्थिति में सुधार होने के बाद इस साल प्रशासन ने भगवान श्रीकृष्ण का डोला निकालनें के लिए थोड़ी ढ़िलाई दी है। मां बम्लेश्वरी मंदिर ट्रस्ट समिति के मंत्री नवनीत तिवारी ने बताया कि जन्माष्टमी पर सिर्फ पूजा होगी।