ओटी में उपकरणों की कमी, कम्प्यूटर तक नहीं
बसंतपुर स्थित बिल्डिंग में जिला अस्पताल को अस्तित्व में तो ला दिया है पर यहां बजट के अभाव में सुविधाओं की कमी हो गई है। ऑपरेशन थियेटर में जरूरी उपकरण नहीं है। दवाइयों की कमी बनी हुई है। साफ-सफाई और सुरक्षा के लिए कर्मचारियों की नियुक्ति नहीं कर पाए हैं।
यहां तक ओपीडी पर्ची को ऑनलाइन जारी करने के लिए एक कम्प्यूटर तक की सुविधा नहीं दी गई है। सिविल सर्जन की ओर से शासन से बजट की मांग की गई है ताकि अस्पताल को अपडेट किया जा सके। सुविधाएं कम होने की वजह से बसंतपुर अस्पताल में ओपीडी संख्या भी घट गई है। दिनभर में दो से ढाई सौ मरीज ही ओपीडी में आ रहे हैं। गिनती के मरीज ही भर्ती कर रहे हैं। अन्य मरीजों को सीधे मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल पेंड्री भेज दिया जा रहा है।
बंद कर दिए हैं ऑपरेशन
सबसे ज्यादा दिक्कत ओटी में है, जहां कई उपकरण नहीं है। इसलिए ऑपरेशन बंद कर दिए गए हैं। गायनिक डिपार्टमेंट में डॉक्टरों की कमी और उपकरणों के अभाव में सिजेरियन डिलीवरी नहीं हो रही है। यहां पर डिजिटल एक्स-रे की भी सुविधा नहीं मिल पा रही है। सी-ऑर्म्स मशीन भी नहीं है। जरूरी केमिकल की कमी बनी हुई है।
सभी सामानों की जरूरत
यहां तक ओपीडी में डॉक्टरों के बैठने के लिए पर्याप्त कुर्सी, टेबल तक नहीं है। वार्डों में बेड, चादर, कंबल तक की कमी है। अस्पताल को स्टैंड करने के लिए सभी जरूरी सामानों की खरीदी करनी पड़ेगी। सीएस यूएस चंद्रवंशी ने बताया कि बजट की मांग की गई है। बजट मिलने के बाद जरूरत के सभी सामानों की खरीदी करेंगे।
हेल्प डेस्क काउंटर नहीं है
पेंड्री मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल में हेल्प डेस्क में बैठने वाले कर्मचारियों के लिए काउंटर नहीं खोला गया है। कर्मचारी में कुर्सी, टेबल लेकर मरीजों की मदद कर रहे हैं। यही कर्मचारी दूरदराज से आए मरीजों को वार्ड तक पहुंचाने का काम कर रहे हैं, नई बिल्डिंग होने से बाहर से आए लोगों को वार्ड की जानकारी ही नहीं है।