नाग पंचमी के त्योहार को कालसर्प दोष को दूर करने के लिए सबसे महत्वपूर्ण दिन माना गया है। ऐसी मान्यता है जिन व्यक्तियों की कुंडली में कालसर्प दोष होता है उनके जीवन में कई तरह की बाधाएं आती हैं जिस कारण से उनका कार्य हमेशा प्रभावित होता रहता है। ऐसे व्यक्ति को किसी भी काम में जल्दी सफलता नहीं मिलती है। वैदिक ज्योतिष शास्त्र के अनुसार जब कुंडली में सभी ग्रह राहु और केतु के बीच में आ जाते हैं तब काल सर्पदोष का योग बनता है। कालसर्प दोष से मुक्ति पाने के लिए नाग पंचमी के दिन कुछ उपाय किया जाता है।
1- नाग पंचमी के दिन नाग देवता की पूजा करने और उस दिन सांपों के दर्शन करना चाहिए। इसके अलावा इस दिन किसी ज्योतिषी को घर पर बुलाकर राहु-केतु की शांति की पूजा करवाएं और चांदी से बनी नाग के आकृति को अपनी अंगूठी में धारण करें।
2- नाग पंचमी के दिन कालसर्प दोष से मुक्ति पाने के लिए मंत्रों का जाप बहुत ही उपयोगी होता है।
नमोऽस्तु सर्पेभ्यो ये के च पृथ्वी मनु। ये अन्तरिक्षे ये दिवि तेभ्यः सर्पेभ्यो नमः।।
अनंतं वासुकि शेष पद्मनाभं च कम्बलम्। शड्खपाल धार्तराष्ट्र तक्षकं कालियं तथा।।
एतानि नौनामानि नागानां च महात्मनाम्। सायंकाले पठेन्नित्यं प्रातः काले विशेषतः।।
तस्मे विषभयं नास्ति सर्वत्र विजयीं भवेत्।।
श्रीनाग गायत्री मंत्र- ॐ नवकुलाय विद्यमहे विषदंताय धीमहि तन्नो सर्प: प्रचोदयात्।
3- नाग पंचमी के त्योहार पर जिन शिव मंदिरों में पंच धातु का नाग लगा हुआ हो वहां पर जाकर शिवलिंग पर दूध और जल से अभिषेक करें। इस उपास से कुंडली में मौजूद काल सर्प दोष से मुक्ति मिल जाएगी।
4- नाग पंचमी के दिन कालसर्प दोष शांति की पूजा करवाएं और पूजा के बाद चांदी के बने नाग नागिन के जोड़े को किसी पास में स्थित नदी में प्रवाहित करें।