डोंगरगांव में संचालित स्वामी आत्मानंद सरकारी अंग्रेजी माध्यम उत्कृष्ट स्कूल में डोंगरगांव की बजाय दूसरे ब्लॉक के बच्चों को एडमिशन दे दिया गया था। लॉटरी सिस्टम से दूसरे ब्लॉक के बच्चों का चयन किए जाने से स्थानीय बच्चों को बाहर होना पड़ गया। हाल ही में कलेक्टर और डीईओ ने स्कूल का निरीक्षण किया।
एडमिशन की प्रक्रिया जानी तब इस बात का खुलासा हुआ तो डीईओ ने एडमिशन की प्रक्रिया निरस्त करने के आदेश जारी किए। इधर पालकों की ओर से एडमिशन निरस्त किए जाने पर आपत्ति दर्ज कराई गई है। डिप्टी कलेक्टर दीप्ति वर्मा से मुलाकात कर शिकायत दर्ज कराई है। पालकों का कहना है कि अगर दूसरे ब्लॉक से आए थे तो एडमिशन फॉर्म ही नहीं देना था। टीसी निकालकर बच्चों का एडमिशन कराया गया है।
डीईओ ने शासन की गाइड लाइन का हवाला देेते हुए संस्था प्रमुख को बताया है कि प्राथमिकता क्रम में डोंगरगांव के बच्चों का एडमिशन होना था। नियम विरुद्ध एडमिशन किए जाने से लोकल स्तर के बच्चे वंचित रह गए हैं। डीईओ ने आदेश देते हुए तीन दिन के भीतर गाइड लाइन के अनुसार ही एडमिशन की प्रक्रिया पूरी करने के निर्देश दिए हैं।
कलेक्टर के निर्देश पर जांच कराई
डीईओ एचआर सोम ने बताया कि शिकायत मिली थी कि लॉटरी में दूसरे ब्लॉक के बच्चों का नाम शामिल किया गया है। कलेक्टर के निर्देश पर जांच कराई गई। परीक्षण के लिए समिति गठित हुई है, जिसमें एसडीएम, तहसीलदार, सीएमओ शामिल हैं। जांच के बाद फाइनल सूची जारी होगी।
दूरी निर्धारित की गई है
संस्था प्रमुख की ओर से कक्षा 1 से 12 वीं तक एडमिशन के लिए लॉटरी निकाली थी। इसके माध्यम से ही भर्ती ली गई है पर लोकल बच्चों को प्राथमिकता नहीं देने से वे पीछे रह गए। गाइड लाइन के अनुसार कक्षा 1 से 5 तक के विद्यार्थियों के लिए 1 किमी के भीतर रह रहे परिवार के बच्चों को प्राथमिकता देनी है।
इस आधार पर भर्ती
इसी तरह कक्षा 6 से 8 वीं तक 3 किलोमीटर की परिधि में आने वाले बच्चे शामिल होंगे। वहीं कक्षा 9 से 10 वीं तक के लिए 5 किलोमीटर और कक्षा 11 वीं से 12 वीं तक के लिए 7 किलोमीटर की परिधि तय की गई है। इसके बाद उपर की कक्षाओं के लिए मेरिट सूची के आधार पर प्रक्रिया पूरी कराई जाए।