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छत्तीसगढ़राजनांदगांव जिला

आषाढ़ माह में भी जेठ की गर्मी जैसी तप रही रात

राजनांदगांव।मानसून की कमजोर सक्रियता के कारण दिन में तो तेज गर्मी पड़ ही रही है, अब रात में भी तापमान सामान्य से अधिक दर्ज किया जा रहा है।

17 जुलाई के बाद पुनः हवा की दिशा पश्चिमी होने की संभावना है। इसके बाद ही प्रदेश में वास्तव में मानसूनी बारिश के पुनर्स्थापित होने की संभावना है। मंगलवार को दुर्ग के बाद राजनांदगांव जिला प्रदेश में सबसे गर्म रहा लेकिन बीती रात पूरे प्रदेश में सबसे अधिक गर्मी राजनांदगांव में दर्ज की गई। न्यूनतम तापमान 26.6 डिग्री सेल्सियस के साथ ही सामान्य से चार डिग्री ज्यादा रहा। इस बीच मौसम विभाग ने नया अनुमान जारी किया है। उसके अनुसार 17 जुलाई के बाद पुनः हवा की दिशा पश्चिमी होने की संभावना है। इसके बाद ही प्रदेश में वास्तव में मानसूनी बारिश के पुनर्स्थापित होने की संभावना है।

हर दिन सुबह से तेज गर्मी पड़ रही है। इस कारण अधिकतम तापमान सामन्य से ज्यादा दर्ज किया जा रहा है। मंगलवार को भी जिले में प्रचंड गर्मी पड़ी। उमस ने पूरे दिन हलाकान किया। 33.5 डिग्री सेल्सियस के साथ जिला दूसरा सबसे गर्म जिला रहा। हालांकि देर शाम कुछ देर तक अचानक तेज बारिश हुई। उसके बाद बादल गायब हो गया। इस कारण गर्मी से कोई राहत नहीं मिली। उधर यहां रात में जितनी गर्मी पड़ रही है, उतनी प्रदेश के किसी भी प्रमुख शहर में नहीं पड़ रही।

बुधवार को प्रदेश के कुछ स्थानों पर हल्की से मध्यम वर्षा होने अथवा गरज-चमक के साथ छींटे पड़ने की संभावना है। एक-दो स्थानों पर गरज-चमक के साथ वज्रपात होने की संभावना है। इसमें अधिकतम तापमान में विशेष परिवर्तन होने की संभावना नहीं है। विभाग ने पहले 11 जुलाई से मानसून के फिर से सक्रिय होने का अनुमान लगाया था। नए अनुमान के अनुसार अब 17 जुलाई के बाद पुनः हवा की दिशा पश्चिमी होने की संभावना है। इसके बाद ही प्रदेश में वास्तव में मानसूनी बारिश के पुनर्स्थापित होने की संभावना है।

जिले में बोवाई का काम पखवाड़ेभर ही पूरा कर लिया गया है। धान की रोपाई का काम जारी है। लेकिन बारिश नहीं होने से खेतों में पानी नहीं है। इस कारण रोपा लगाने का काम अटक गया है। दूसरी तरफ जोता बोवाई वाले खेतों में पानी नहीं होने के कारण बन (खरपतवार) तेजी से उग रहे हैं। कीटनाशक का छिड़काव तो कर दिया गया है, लेकिन अच्छी बारिश के इंतजार में किसान परेशान हो रहे हैं।

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